NEET UG 2025 परीक्षा विश्लेषण: फिजिक्स सबसे कठिन, केमिस्ट्री और बायोलॉजी में संतुलन

📝 परीक्षा का अवलोकन

राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET UG) 2025 का आयोजन 4 मई को हुआ, जिसमें लगभग 22.7 लाख छात्रों ने भाग लिया। छात्रों और विशेषज्ञों के अनुसार, इस वर्ष का पेपर पिछले वर्षों की तुलना में अधिक चुनौतीपूर्ण और समय-संवेदनशील था। विशेष रूप से फिजिक्स और केमिस्ट्री सेक्शन में जटिलता देखी गई, जिससे उच्च अंक प्राप्त करना कठिन हो सकता है।


📚 विषयवार विश्लेषण

🔬 फिजिक्स

  • फिजिक्स सेक्शन को तीनों में सबसे कठिन माना गया।

  • प्रश्नों में गहन वैचारिक समझ और विश्लेषणात्मक सोच की आवश्यकता थी।

  • कई प्रश्न सूत्र-आधारित थे, लेकिन उनमें कई चरणों की गणना शामिल थी, जिससे वे समय-संवेदनशील हो गए।

  • छात्रों को सही उत्तर तक पहुंचने के लिए कई अध्यायों के अवधारणाओं को लागू करना पड़ा, जिससे समग्र कठिनाई स्तर बढ़ गया।

  • नवीन कार्की, नेशनल एकेडमिक डायरेक्टर (मेडिकल), आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड (AESL) के अनुसार, फिजिक्स सेक्शन अत्यधिक चुनौतीपूर्ण था, जिसमें कक्षा 11 पर जोर दिया गया था और प्रश्नों में व्यापक गणना की आवश्यकता थी। The Indian Express

🧪 केमिस्ट्री

  • केमिस्ट्री सेक्शन में कुछ थ्योरी-आधारित प्रश्न आसान थे, लेकिन इसकी जटिल प्रारूप और सावधानीपूर्वक पढ़ने की आवश्यकता ने इसे कई छात्रों के लिए मानसिक रूप से थकाऊ बना दिया।

  • कुछ प्रश्नों में कई सही उत्तर थे, जिससे छात्रों को भ्रम हुआ और प्रत्येक प्रश्न पर अधिक समय लगा। The Indian Express

🧬 बायोलॉजी

  • बायोलॉजी सेक्शन कठिन नहीं था, लेकिन विस्तृत प्रश्नों की संख्या के कारण छात्रों के लिए समय प्रबंधन चुनौतीपूर्ण हो गया।

  • कई छात्रों को पेपर को समय पर पूरा करने में कठिनाई हुई, विशेष रूप से बॉटनी और जूलॉजी में विस्तृत प्रश्नों के कारण।


📊 विशेषज्ञों की राय

  • डॉ. ब्रजेश महेश्वरी, निदेशक, एलन करियर इंस्टीट्यूट के अनुसार, इस वर्ष की कठिनाई स्तर के कारण उच्च स्कोर प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या प्रभावित हो सकती है।

  • नितिन विजय, सीईओ, मोशन एजुकेशन ने बताया कि इस वर्ष एनटीए ने केवल चार पेपर सेट जारी किए, जो सभी अधिक कठिन प्रारूप के थे, जिससे विश्लेषणात्मक और अनुप्रयोग-आधारित सीखने पर जोर दिया गया। The Indian Express


📌 निष्कर्ष

NEET UG 2025 परीक्षा ने छात्रों के लिए नई चुनौतियाँ प्रस्तुत की हैं, विशेष रूप से फिजिक्स और केमिस्ट्री सेक्शन में। इस वर्ष की कठिनाई स्तर के कारण, विशेषज्ञों का मानना है कि उच्च स्कोर प्राप्त करना अधिक कठिन हो सकता है, जिससे कट-ऑफ स्कोर में बदलाव की संभावना है।

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