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🇮🇳 पुंछ  गोलीबारी पर राहुल गांधी के बयान से उठा राजनीतिक तूफान

23 मई 2025 को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले का दौरा किया, जहाँ उन्होंने पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी से प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने इस घटना को ‘बड़ी त्रासदी’ बताया और पीड़ितों की समस्याओं को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने का आश्वासन दिया। @EconomicTimes


🗣️ बीजेपी का तीखा प्रहार: ‘पाकिस्तानी प्रचार के नेता’

राहुल गांधी के इस बयान पर बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि राहुल गांधी ने पाकिस्तानी सेना के ‘आतंकी कृत्य’ को ‘त्रासदी’ कहकर पीड़ितों के घावों पर नमक छिड़का है। उन्होंने राहुल गांधी को ‘पाकिस्तानी प्रचार के नेता’ करार दिया और कहा कि कांग्रेस हमेशा पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को सफेदपोश करने का प्रयास करती रही है। @EconomicTimes


🔥 राजनीतिक बयानबाज़ी और आरोप-प्रत्यारोप

बीजेपी ने राहुल गांधी पर यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने पहले भी ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना की कार्रवाई पर सवाल उठाए थे, जिससे पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के खिलाफ बोलने का मौका मिला। बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने उन्हें ‘नए युग का मीर जाफर’ कहा, जबकि कांग्रेस ने इसे ‘सस्ती राजनीति’ करार दिया। @EconomicTimes


🧭 कांग्रेस का पक्ष: मानवीय दृष्टिकोण

कांग्रेस नेताओं ने राहुल गांधी के बयान का बचाव करते हुए कहा कि उनका उद्देश्य पीड़ितों की पीड़ा को समझना और उन्हें न्याय दिलाना है। पूर्व मंत्री लाल सिंह ने राहुल गांधी के पुंछ दौरे की सराहना की और कहा कि उन्होंने प्रभावित परिवारों के साथ समय बिताया और उनकी समस्याओं को सुना। @EconomicTimes


🌐 विदेश नीति पर भी विवाद

राहुल गांधी ने हाल ही में विदेश मंत्री एस. जयशंकर की आलोचना करते हुए कहा था कि भारत की विदेश नीति ‘विफल’ हो गई है। उन्होंने पूछा कि क्यों भारत को पाकिस्तान के साथ जोड़कर देखा जा रहा है और किसने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने को कहा। @EconomicTimes


🔚 निष्कर्ष

राहुल गांधी के पुंछ दौरे और उनके बयान ने भारतीय राजनीति में एक बार फिर से तीखी बहस छेड़ दी है। जहाँ एक ओर बीजेपी उन्हें पाकिस्तान समर्थक बता रही है, वहीं कांग्रेस उनका बचाव करते हुए मानवीय दृष्टिकोण की बात कर रही है। यह विवाद आगामी चुनावों में भी प्रमुख मुद्दा बन सकता है।

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