🇮🇳🇷🇺 भारत-रूस रक्षा सहयोग: ब्रह्मोस मिसाइल के उन्नत संस्करण का संयुक्त उत्पादन
भारत और रूस ने ब्रह्मोस मिसाइल के उन्नत संस्करण के संयुक्त उत्पादन के लिए वार्ता शुरू की है। यह निर्णय हाल ही में पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस मिसाइल की सफल तैनाती के बाद लिया गया है। इस कदम से दोनों देशों के रक्षा सहयोग को नई दिशा मिलेगी और क्षेत्रीय सुरक्षा को सुदृढ़ किया जाएगा।
🔧 तकनीकी सहयोग और उत्पादन स्थल
रूस ने इस परियोजना के लिए पूर्ण तकनीकी सहयोग की पेशकश की है। उन्नत ब्रह्मोस मिसाइलों का उत्पादन उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हाल ही में उद्घाटित ब्रह्मोस एयरोस्पेस इकाई में किया जाएगा। यह सुविधा ₹300 करोड़ की लागत से स्थापित की गई है और इसमें 80 हेक्टेयर भूमि राज्य सरकार द्वारा प्रदान की गई है। इस इकाई में प्रमुख उत्पादन केंद्र (PTC) और सात सहायक सुविधाएं शामिल हैं।
🚀 ब्रह्मोस मिसाइल: एक संक्षिप्त परिचय
ब्रह्मोस मिसाइल भारत और रूस के संयुक्त उपक्रम ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा विकसित एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। इसका नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मोस्कवा नदियों के नाम पर रखा गया है। यह मिसाइल 290 से 400 किमी की रेंज में लक्ष्य भेदने में सक्षम है और इसकी गति मैक 2.8 तक पहुंच सकती है। यह भूमि, समुद्र और वायु से लॉन्च की जा सकती है और “फायर एंड फॉरगेट” प्रणाली का उपयोग करती है। @EconomicTimes
🛡️ ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस की भूमिका
हाल ही में पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस मिसाइलों का प्रभावी उपयोग किया गया, जिससे पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया। इस अभियान में ब्रह्मोस के साथ-साथ SCALP और HAMMER जैसे अन्य हथियारों का भी उपयोग किया गया। इस सफलता ने ब्रह्मोस की रणनीतिक क्षमता को सिद्ध किया और भारत की रक्षा नीति में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। @EconomicTimes
🔍 भविष्य की दिशा: ब्रह्मोस का उन्नत संस्करण
ब्रह्मोस मिसाइल के उन्नत संस्करण में रेंज बढ़ाकर 800 किमी तक की जा सकती है, और इसकी गति तथा सटीकता में भी सुधार किया जाएगा। इसके अलावा, ब्रह्मोस-एनजी (नेक्स्ट जेनरेशन) संस्करण पर भी कार्य चल रहा है, जो आकार में छोटा और अधिक बहुपरकारी होगा। यह संस्करण विभिन्न प्लेटफार्मों से लॉन्च किया जा सकेगा और इसकी उत्पादन क्षमता को लखनऊ की नई सुविधा में बढ़ाया जाएगा।
🏭 आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक कदम
लखनऊ में स्थापित नई ब्रह्मोस उत्पादन इकाई उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह सुविधा न केवल मिसाइलों का उत्पादन करेगी, बल्कि परीक्षण, एकीकरण और एयरोस्पेस ग्रेड घटकों के निर्माण में भी योगदान देगी। इससे भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। @EconomicTimes
🔚 निष्कर्ष
भारत और रूस के बीच ब्रह्मोस मिसाइल के उन्नत संस्करण के संयुक्त उत्पादन की वार्ता दोनों देशों के रक्षा सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। यह कदम न केवल भारत की रक्षा क्षमताओं को सुदृढ़ करेगा, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।