🎬 AICWA और FWICE ने तुर्की में फिल्म शूटिंग और सांस्कृतिक सहयोग का किया बहिष्कार
भारतीय फिल्म उद्योग के प्रमुख संगठनों, ऑल इंडिया सिने वर्कर्स एसोसिएशन (AICWA) और फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (FWICE) ने तुर्की में फिल्म शूटिंग और सांस्कृतिक सहयोग का बहिष्कार करने की घोषणा की है। यह निर्णय तुर्की द्वारा पाकिस्तान के समर्थन में दिए गए बयानों और पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की सैन्य प्रतिक्रिया के विरोध में लिया गया है।
🗓️ पृष्ठभूमि: पहलगाम आतंकी हमला और Operation Sindoor
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कई निर्दोष नागरिकों की जान गई। इसके जवाब में भारत ने 7 मई 2025 को “Operation Sindoor” के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित आतंकी ठिकानों पर सैन्य कार्रवाई की।Indiatimes+1The Week+1
🌐 तुर्की का पाकिस्तान के प्रति समर्थन
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन ने पाकिस्तान के नेतृत्व की सार्वजनिक रूप से प्रशंसा की और भारत की सैन्य कार्रवाई की आलोचना की। इसके अलावा, रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान ने तुर्की से ड्रोन प्राप्त किए थे, जो भारत के हवाई क्षेत्र में उल्लंघन के लिए उपयोग किए गए।
🎥 फिल्म उद्योग की प्रतिक्रिया
FWICE, जो भारतीय मीडिया और मनोरंजन उद्योग के 36 विभिन्न क्षेत्रों के 3.5 लाख से अधिक पेशेवरों का प्रतिनिधित्व करता है, ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा:The Times of India
“तुर्की का पाकिस्तान के प्रति निरंतर समर्थन राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है। हम मानते हैं कि भारतीय फिल्म उद्योग के लिए तुर्की में निवेश या सहयोग करना उचित नहीं है।”
AICWA ने भी तुर्की के साथ सभी सांस्कृतिक सहयोग और फिल्म शूटिंग को तत्काल प्रभाव से रोकने की अपील की है।
🧳 पर्यटन और व्यापार पर प्रभाव
तुर्की और अज़रबैजान के पाकिस्तान के प्रति समर्थन के बाद, EaseMyTrip और Ixigo जैसे ऑनलाइन ट्रैवल प्लेटफॉर्म्स ने इन देशों की यात्रा से बचने की सलाह दी है। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश से तुर्की और अज़रबैजान के लिए 15,000 से अधिक बुकिंग्स रद्द कर दी गई हैं।Indianarrative+4The Week+4Business Standard+4
📢 निष्कर्ष
AICWA और FWICE द्वारा तुर्की के बहिष्कार का निर्णय भारतीय फिल्म उद्योग की राष्ट्रीय हितों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह कदम तुर्की और अज़रबैजान जैसे देशों को यह संदेश देता है कि भारत की संप्रभुता और सुरक्षा के खिलाफ किसी भी समर्थन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।