भारत की सतत विकास लक्ष्यों पर प्रतिबद्धता
भारत जुलाई 2025 में संयुक्त राष्ट्र के उच्च स्तरीय राजनीतिक मंच (High-Level Political Forum – HLPF) में सतत विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals – SDGs) पर अपनी तीसरी स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा (Voluntary National Review – VNR) प्रस्तुत करेगा। इससे पहले भारत ने 2017 और 2020 में दो VNR प्रस्तुत किए थे। इस बार भारत जापान, जर्मनी, मलेशिया, इंडोनेशिया, इज़राइल और फिनलैंड सहित 36 देशों के साथ मिलकर अपनी प्रगति साझा करेगा। The Economic Times
नीति आयोग की भूमिका और प्रस्तुति
नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी और मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीवीआर सुब्रह्मण्यम इस VNR को प्रस्तुत करने की संभावना है। वे भारत की प्रमुख उपलब्धियों और अगले पांच वर्षों के लिए SDGs पर दृष्टिकोण को साझा करेंगे।
SDG इंडिया इंडेक्स 2023-24 की प्रमुख उपलब्धियाँ
नीति आयोग द्वारा जारी SDG इंडिया इंडेक्स 2023-24 के अनुसार, भारत का कुल SDG स्कोर 2023-24 में 71 रहा, जो 2020-21 में 66 और 2018 में 57 था। यह वृद्धि सरकार की लक्षित पहलों जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, स्वच्छ भारत मिशन, जन धन योजना, आयुष्मान भारत, मुद्रा योजना, सौभाग्य योजना और स्टार्ट-अप इंडिया के कारण संभव हुई है।
प्रमुख SDG लक्ष्यों में प्रगति
भारत ने निम्नलिखित SDG लक्ष्यों में उल्लेखनीय प्रगति की है:
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लक्ष्य 1 (गरीबी उन्मूलन): गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों की संख्या में कमी।
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लक्ष्य 8 (सम्मानजनक कार्य और आर्थिक विकास): रोजगार के अवसरों में वृद्धि और आर्थिक विकास दर में सुधार।
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लक्ष्य 13 (जलवायु कार्रवाई): हरित ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण के लिए नीतियों का कार्यान्वयन।
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लक्ष्य 15 (स्थलीय जीवन): वनों और जैव विविधता के संरक्षण के लिए प्रयास।The Economic Times+2The Economic Times+2The Economic Times+2
वैश्विक सहयोग और भारत की भूमिका
VNR प्रक्रिया का उद्देश्य देशों को अपने अनुभव, सफलताओं, चुनौतियों और सीखे गए पाठों को साझा करने का अवसर प्रदान करना है, जिससे SDGs के कार्यान्वयन को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत किया जा सके। भारत की यह प्रस्तुति वैश्विक मंच पर उसकी प्रतिबद्धता और नेतृत्व को दर्शाती है।The Economic Times
निष्कर्ष
भारत की तीसरी स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा न केवल उसकी सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में प्रगति को प्रदर्शित करेगी, बल्कि वैश्विक समुदाय के साथ सहयोग और साझा लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए उसकी प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करेगी। यह कदम भारत को सतत विकास के पथ पर अग्रणी राष्ट्रों में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।