🇮🇳 बीएसएफ कांस्टेबल दीपक चिंगाखम का बलिदान

10 मई 2025 को जम्मू के आरएस पुरा सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से की गई गोलाबारी में बीएसएफ कांस्टेबल दीपक चिंगाखम गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उपचार के दौरान 11 मई को उन्होंने अंतिम सांस ली। बीएसएफ जम्मू फ्रंटियर ने उनके बलिदान को सलाम करते हुए कहा, “हम दीपक चिंगाखम की राष्ट्र सेवा में किए गए सर्वोच्च बलिदान को नमन करते हैं”Uni India


🛡️ ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पर स्थिति

इस घटना के बाद, भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की। बीएसएफ ने जम्मू और कश्मीर में पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ कठोर कदम उठाए हैं


🕊️ शांति की आवश्यकता

भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच, दोनों देशों के लिए शांति और संवाद की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है। ऐसी घटनाएं न केवल सैनिकों के जीवन को प्रभावित करती हैं, बल्कि सीमा क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों की सुरक्षा और मानसिक स्थिति पर भी प्रभाव डालती हैं।


📌 निष्कर्ष

कांस्टेबल दीपक चिंगाखम का बलिदान हमें याद दिलाता है कि हमारे सुरक्षा बल देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने से पीछे नहीं हटते। उनकी शहादत को नमन करते हुए, हमें सीमा पर शांति और स्थिरता के लिए प्रयासरत रहना चाहिए।

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