CBSE 12वीं परिणाम 2025: तिरुवनंतपुरम 11 वर्षों के बाद दूसरे स्थान पर खिसका
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 13 मई 2025 को कक्षा 12वीं के परिणाम घोषित किए, जिसमें तिरुवनंतपुरम क्षेत्र, जो पिछले 11 वर्षों से शीर्ष स्थान पर था, इस बार दूसरे स्थान पर आ गया। विजयवाड़ा क्षेत्र ने 99.60% की उत्तीर्णता दर के साथ पहला स्थान प्राप्त किया, जबकि तिरुवनंतपुरम ने 99.32% के साथ दूसरा स्थान हासिल किया। Careers360+5The New Indian Express+5Business Standard+5
शीर्ष प्रदर्शन करने वाले क्षेत्र
क्षेत्र | उत्तीर्णता दर |
---|---|
विजयवाड़ा | 99.60% |
तिरुवनंतपुरम | 99.32% |
चेन्नई | 97.39% |
बेंगलुरु | 95.95% |
दिल्ली पश्चिम | 95.37% |
दिल्ली पूर्व | 95.06% |
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि दक्षिण भारत के क्षेत्र लगातार उच्च प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे क्षेत्रीय शिक्षा प्रणाली की मजबूती का संकेत मिलता है। The Times of India
राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन
इस वर्ष, कुल 17,04,367 छात्रों ने कक्षा 12वीं की परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया, जिनमें से 16,92,794 ने परीक्षा दी और 14,96,307 छात्र उत्तीर्ण हुए। कुल उत्तीर्णता दर 88.39% रही, जो पिछले वर्ष की तुलना में 0.41% अधिक है।Samayam Tamil+2The Times of India+2The New Indian Express+2
लड़कियों ने लड़कों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया, जहां लड़कियों की उत्तीर्णता दर 91.64% और लड़कों की 85.70% रही। ट्रांसजेंडर छात्रों ने 100% सफलता दर हासिल की, जो समावेशी शिक्षा नीतियों की सफलता को दर्शाता है। Business Standard+3The Times of India+3The Times of India+3The Times of India
संस्थानवार प्रदर्शन
संस्थान प्रकार | उत्तीर्णता दर |
---|---|
जवाहर नवोदय विद्यालय (JNV) | 99.29% |
केंद्रीय विद्यालय (KV) | 99.05% |
स्वतंत्र विद्यालय | 87.94% |
सरकारी सहायता प्राप्त | 91.57% |
सरकारी विद्यालय | 90.48% |
यह डेटा दर्शाता है कि नवोदय और केंद्रीय विद्यालयों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, जबकि स्वतंत्र और सरकारी विद्यालयों को सुधार की आवश्यकता है। Business Standard
निष्कर्ष
तिरुवनंतपुरम क्षेत्र का दूसरे स्थान पर आना एक महत्वपूर्ण बदलाव है, लेकिन इसकी उच्च उत्तीर्णता दर इसे देश के शीर्ष प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों में बनाए रखती है। विजयवाड़ा का शीर्ष स्थान प्राप्त करना दक्षिण भारत की शिक्षा प्रणाली की मजबूती का प्रमाण है। राष्ट्रीय स्तर पर, लड़कियों और ट्रांसजेंडर छात्रों का उत्कृष्ट प्रदर्शन समावेशी और गुणवत्ता-आधारित शिक्षा की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है।