Site icon Taaza News

भाजपा के आरोपों के बाद कांग्रेस ने नेताओं के विवादित बयान से खुद को किया अलग

भाजपा के आरोपों के बाद कांग्रेस ने नेताओं के विवादित बयान से खुद को किया अलग

हाल ही में कांग्रेस पार्टी के कुछ नेताओं के पहलगाम आतंकवादी हमले पर दिए गए बयानों ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी। भाजपा ने इन बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और आरोप लगाया कि इन बयानों का इस्तेमाल पाकिस्तान ने भारत विरोधी प्रचार को बढ़ावा देने के लिए किया। इसके बाद कांग्रेस ने इस मुद्दे पर तुरंत प्रतिक्रिया दी और अपने नेताओं के बयानों से खुद को अलग कर लिया।

भाजपा का आरोप

भा​जपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि कुछ नेताओं ने पहलगाम आतंकवादी हमले की पीड़ितों के बयान पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं के बयानों से पाकिस्तान को भारत विरोधी प्रचार करने का मौका मिला है। भाजपा ने इस पर कांग्रेस से जवाब मांगा और सवाल उठाया कि इस तरह के बयानों का उद्देश्य क्या है।

कांग्रेस का रुख

भा​जपा के आरोपों का जवाब देते हुए कांग्रेस के संचार प्रमुख जयराम रमेश ने कहा कि जो बयान पार्टी के कुछ नेताओं ने दिए हैं, वे उनकी व्यक्तिगत राय हैं और कांग्रेस पार्टी उनसे सहमत नहीं है। रमेश ने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस पार्टी का रुख पहले ही कांग्रेस कार्यसमिति, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा स्पष्ट किया जा चुका है।

रमेश ने कहा कि 24 अप्रैल को कांग्रेस कार्यसमिति ने पहलगाम हमले की निंदा की थी और पार्टी के नेताओं ने इस पर पार्टी का रुख रखा था। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष और राहुल गांधी ने सभी दलों की बैठक में भी अपनी स्थिति स्पष्ट की थी।

भाजपा का हमला

भा​जपा ने कांग्रेस नेताओं के बयानों पर लगातार हमला जारी रखा। रविशंकर प्रसाद ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के “युद्ध की जरूरत नहीं है” जैसे बयान को शर्मनाक बताया। उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा के विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार की आलोचना की और कहा कि पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा धर्म पूछने की घटना पर सवाल उठाना संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है।

प्रसाद ने कहा कि कर्नाटका के मंत्री रामप्पा बालप्पा टिम्मापुर द्वारा दिए गए बयान कि आतंकवादियों ने हत्याएं करने से पहले पीड़ितों से धर्म नहीं पूछा, यह “शर्मनाक” है।

कांग्रेस नेताओं के बयान पर विवाद

कांग्रेस के नेता शशि थरूर और उदित राज के बीच इस मुद्दे पर सार्वजनिक विवाद हुआ। थरूर ने कहा था कि “कोई देश 100 प्रतिशत सुरक्षित नहीं हो सकता”, जबकि उदित राज ने इसका जवाब देते हुए कहा कि यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 26/11 मुंबई हमले के बाद दिए गए बयान के विपरीत है, जिसमें मोदी ने केंद्र सरकार की विफलता स्वीकार की थी।

यह बयानबाजी कांग्रेस पार्टी के लिए एक नई चुनौती लेकर आई है, क्योंकि यह सार्वजनिक रूप से पार्टी के भीतर मतभेदों को उजागर कर रही है। थरूर और उदित राज के बीच यह तकरार पार्टी की छवि को प्रभावित कर सकती है।

कांग्रेस का निष्कर्ष

जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति ने पहलगाम हमले की निंदा की थी और पार्टी का रुख पहले ही स्पष्ट किया जा चुका था। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के नेताओं के बयान उनकी व्यक्तिगत राय हैं और ये कांग्रेस के आधिकारिक रुख का प्रतिनिधित्व नहीं करते। पार्टी ने यह संदेश दिया कि अपने नेताओं को पार्टी की लाइन के अनुसार बयान देने चाहिए या फिर मौन रहना चाहिए।

राजनीतिक परिपेक्ष्य

इस विवाद का राजनीतिक असर कई प्रकार से हो सकता है। जहां एक ओर भाजपा ने इसे कांग्रेस की नकारात्मक छवि के रूप में पेश किया, वहीं कांग्रेस ने इसे अपने नेताओं के व्यक्तिगत विचारों के रूप में बताया। यह घटना आगामी चुनावों में कांग्रेस की राजनीतिक स्थिति को प्रभावित कर सकती है, खासकर उन राज्यों में जहां भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर है।


🔗 आंतरिक/बाह्य लिंक सुझाव:

Exit mobile version