🛡️ दुबई से सोने के आयात पर नए प्रतिबंध
भारत सरकार ने 20 मई 2025 को दुबई से सोने और चांदी के आयात पर नए प्रतिबंध लगाए हैं। अब केवल CEPA (Comprehensive Economic Partnership Agreement) के तहत नामित एजेंसियां, योग्य ज्वैलर्स और वैध टैरिफ रेट कोटा धारक ही इनकी आयात कर सकेंगे। यह निर्णय बजट 2025-26 की घोषणा के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य सोने की तस्करी को रोकना और आयात प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना है।
📜 CEPA के तहत आयात की नई शर्तें
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नए HS कोड्स: सरकार ने सोने, चांदी और प्लैटिनम के लिए नए हार्मोनाइज्ड सिस्टम (HS) कोड्स पेश किए हैं, ताकि आयात को सटीक रूप से वर्गीकृत किया जा सके।
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प्लैटिनम के नाम पर सोने की तस्करी पर रोक: कुछ आयातक प्लैटिनम अलॉय के नाम पर 99% शुद्ध सोना आयात कर रहे थे। नए कोड्स के तहत केवल 99% या अधिक शुद्ध प्लैटिनम ही टैरिफ रियायत के लिए पात्र होगा।
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टैरिफ रेट कोटा (TRQ): CEPA के तहत भारत को यूएई से सालाना 200 मीट्रिक टन सोना 1% टैरिफ रियायत के साथ आयात करने की अनुमति है।
🎯 सरकार का उद्देश्य
इन नए प्रतिबंधों का मुख्य उद्देश्य सोने की तस्करी को रोकना और आयात प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना है। सरकार चाहती है कि सोने का आयात केवल उन एजेंसियों के माध्यम से हो जो नियामक मानकों का पालन करती हैं और जिनके पास वैध लाइसेंस है।
📈 व्यापार पर संभावित प्रभाव
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आयातकों के लिए चुनौतियां: नए नियमों के कारण केवल नामित एजेंसियां ही सोने का आयात कर सकेंगी, जिससे छोटे आयातकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
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सोने की कीमतों में संभावित वृद्धि: आयात प्रक्रिया में प्रतिबंधों के कारण घरेलू बाजार में सोने की कीमतों में वृद्धि हो सकती है।
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तस्करी में कमी: नए नियमों के लागू होने से सोने की तस्करी में कमी आने की संभावना है।
🔍 निष्कर्ष
भारत सरकार द्वारा दुबई से सोने के आयात पर लगाए गए नए प्रतिबंध सोने की तस्करी को रोकने और आयात प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। इन नियमों के प्रभाव को आने वाले समय में देखा जाएगा, लेकिन यह स्पष्ट है कि सरकार सोने के व्यापार को नियंत्रित करने के लिए गंभीर है।