🚗 भारत में अब तक क्यों नहीं आई टेस्ला? एलन मस्क के पिता एरोल मस्क ने जताई हैरानी
नई दिल्ली, जून 2025 — इलेक्ट्रिक कार निर्माता टेस्ला को लेकर भारत में उत्साह लंबे समय से बना हुआ है। लेकिन अब तक टेस्ला की कोई भी कार भारतीय सड़कों पर आधिकारिक रूप से नहीं दिखी है। इस विषय पर अब खुद एलन मस्क के पिता, एरोल मस्क ने अपनी चिंता जाहिर की है और भारत में टेस्ला की अनुपस्थिति पर सवाल उठाया है।
🗣️ एरोल मस्क का बयान: “भारत में टेस्ला क्यों नहीं है?”
एक हालिया इंटरव्यू में एरोल मस्क ने कहा:
“जब आप भारत और वहां की जनसंख्या, लोगों की ऊर्जा और अन्य चीजों को देखते हैं… और जब मैं सुनता हूं कि BYD और अन्य कंपनियां वहां आ रही हैं, और टाटा तथा महिंद्रा शानदार कारें बना रहे हैं, तो मैं सोचता हूं — हमारे पास वहां टेस्ला क्यों नहीं है?”
उनके इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि टेस्ला जैसे ब्रांड की भारत जैसे विशाल और उभरते बाजार में मौजूदगी न होना सिर्फ निवेशकों ही नहीं, बल्कि टेस्ला के भीतर के लोगों के लिए भी हैरान करने वाली बात है।
📉 भारत में टेस्ला की धीमी प्रगति
भारत सरकार ने मार्च 2024 में नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति पेश की थी, जिसमें आयात शुल्क में रियायत के बदले कंपनियों को भारत में स्थानीय उत्पादन शुरू करने की शर्त रखी गई थी।
इस नीति के तहत टेस्ला ने शुरुआती बैठक में भाग लिया, लेकिन बाद की चर्चाओं से दूरी बना ली। केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने हाल ही में बताया कि टेस्ला केवल “डिस्प्ले सेंटर” या “शोरूम” खोलने में रुचि दिखा रही है — उत्पादन में नहीं।
🇮🇳 भारत: एक उभरता EV बाजार
भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते ईवी बाजारों में से एक बन चुका है। घरेलू कंपनियां जैसे टाटा मोटर्स, महिंद्रा, ओला इलेक्ट्रिक, और विदेशी ब्रांड BYD भी भारतीय बाजार में अपनी पैठ बना रहे हैं।
सरकार भी ‘मेक इन इंडिया’ और ‘जीरो एमिशन मोबिलिटी’ के तहत इनोवेशन को प्रोत्साहन दे रही है, जिससे देश को वैश्विक EV उत्पादन हब बनाने की दिशा में काम हो रहा है।
🔍 टेस्ला के लिए भारत एक सुनहरा अवसर
भारत की 140 करोड़ से अधिक की आबादी, तेज़ शहरीकरण और बढ़ती EV मांग को देखते हुए टेस्ला के लिए यह एक रणनीतिक बाज़ार हो सकता है।
हालांकि, टेस्ला की नीति हमेशा प्रीमियम उत्पादों और उच्च मार्जिन पर आधारित रही है। भारत में EV की सफलता किफायती मॉडल पर निर्भर करती है, जो टेस्ला की मौजूदा रणनीति से मेल नहीं खाती।
इसके अतिरिक्त, भारत सरकार द्वारा स्थानीय विनिर्माण को अनिवार्य करने से टेस्ला के ग्लोबल मॉडल को भारत में दोहराना मुश्किल होता है।
❗ निष्कर्ष
एलन मस्क के पिता एरोल मस्क की टिप्पणी एक बार फिर यह बहस छेड़ती है कि टेस्ला जैसे अग्रणी ब्रांड को भारत में कैसे आकर्षित किया जा सकता है।
जब भारत का EV बाजार तेजी से बढ़ रहा है और सरकार नीतिगत समर्थन दे रही है, ऐसे में टेस्ला की अनुपस्थिति एक बड़ी कारोबारी चूक साबित हो सकती है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले महीनों में टेस्ला इस दिशा में कोई कदम उठाती है या नहीं। फिलहाल, एरोल मस्क की बातों ने भारतीय उपभोक्ताओं और नीतिनिर्माताओं दोनों को सोचने पर मजबूर कर दिया है।