🌏 तीव्र वृद्धि: भारत से अमेरिका तक iPhone की उड़ान

Reuters की रिपोर्ट के अनुसार, मार्च से मई 2025 के बीच Foxconn द्वारा भारत से निर्यात किए गए कुल $3.2 अरब (करीब ₹27,547 करोड़) के iPhones में से 97% अमेरिका भेजे गए — जबकि 2024 में यह औसतन सिर्फ 50.3% था ft.com+9reuters.com+9m.economictimes.com+9gadgets360.com+1m.economictimes.com+1। मई महीने में अकेले लगभग $1 अरब का निर्यात रिकॉर्ड किया गया, जो अब तक का दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा था


💼 Apple की रणनीति: टैरिफ को मात देना

यह भारी बदलाव Apple की रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत वह चीन से बनने वाले iPhone पर अमेरिकी टैरिफ से बचने की कोशिश कर रहा है। मार्च में Foxconn ने iPhone 13, 14, 16 और 16e मॉडल्स को चार्टर फ्लाइट द्वारा अमेरिका भेजा — करिश्माई तरीके से कस्टम क्लियरेंस समय को घटाकर 30 घंटे से 6 घंटे किया गया reuters.com+3gadgets360.com+3business-standard.com+3

भारत पर अमेरिकी टैरिफ 10% का बेस लाइन है — जो ज्यादातर व्यापारिक साझेदारों के समान है — लेकिन चीन पर यह 55% तक भी जा सकता है m.economictimes.com+4reuters.com+4business-standard.com+4


🚀 Made-in-India iPhone का बढ़ता ग्लोबल असर

Counterpoint Research के प्राचिर सिंह के अनुसार, “2025 में भारत निर्मित iPhone का वैश्विक हिस्सेदारी 25–30% तक पहुंचने की उम्मीद है, जबकि 2024 में यह सिर्फ 18% था” business-standard.com+4reuters.com+4m.economictimes.com+4

उसी समय, Tata Electronics ने मार्च और अप्रैल में अपनी iPhone उत्पादन का औसतन 86% अमेरिका को निर्यात किया, जबकि वर्ष 2024 में यह 52% था gadgets360.com+3reuters.com+3business-standard.com+3


🏭 भारत: Apple की चीन-प्लस-वन रणनीति की कुंजी

Economictimes की रिपोर्ट कहती है कि Foxconn और Tata Electronics ने भारत में पनपते iPhone उत्पादन को तेज कर दिया है और अब यह गिटार की मुख्य धुरी बन चुका है ft.com+11m.economictimes.com+11business-standard.com+11
चीन-भारत प्रतिस्पर्धा में, भारत ने “China plus one” नीति को मजबूत कर आगे बढ़ा है।


🎙️ राजनीतिक और आर्थिक असर

डोनाल्ड ट्रंप ने सख्त रुख अपनाया है और Apple पर जोर दिया था कि वह अमेरिका में उत्पादन बढ़ाएं — “India को छोड़ो, हमें यहां बनाओ” timesofindia.indiatimes.com। भारत सरकार और Apple दोनों ने इसे टेक्नोलॉजी निवेश का एक अवसर माना है।

दूसरी ओर, चीन अब भारत में उत्पादन प्रक्रिया में बाधाएं खड़ी कर रहा है — इंजीनियरों और सप्लायरों पर प्रतिबंध लगा रहा है — जिससे भारत का विस्तार चुनौतीपूर्ण हो सकता है


⚖️ क्या यह रणनीति अमेरिकी बाजार को संतुष्ट करेगी?

Financial Times के विश्लेषण के अनुसार, Apple की सप्लाई चेन चीन पर गहरी बनाई गई है और उसे भारत में पूरी तरह शिफ्ट करना समय और संसाधन दोनो का भार है
लेकिन Apple का प्रयास टैक्स बचत और सप्लाई डायवर्सिफिकेशन को संतुलित करना है।


🧭 निष्कर्ष:

Foxconn और Tata Electronics की मदद से भारत से अमेरिका तक iPhone निर्यात में यह बदलाव Apple की वैश्विक रणनीति का एक निर्णायक मोड़ है — यह न सिर्फ टैरिफ बचत का साधन है, बल्कि भारत को ग्लोबल टेक हब के रूप में स्थापित करने का संकेत भी है।

लेकिन इसमें राजनीतिक दबाव, चीन से संघर्ष, और आश्वासन कि अमेरिका में बनने की बात सच होगी या नहीं — ये सभी प्रश्न आने वाले समय में निर्णायक भूमिका निभाएंगे।

“चीन से उत्पादन हटाकर Apple ने भारत को चुना, लेकिन यह जंग अभी शुरू ही हुई है।”

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