📈 Groww ने छोटे ट्रेड्स पर ब्रोकरेज शुल्क में 150% की वृद्धि की
भारत की प्रमुख ऑनलाइन ब्रोकरेज कंपनी Groww ने घोषणा की है कि वह छोटे मूल्य के इक्विटी ट्रेड्स पर न्यूनतम ब्रोकरेज शुल्क ₹2 से बढ़ाकर ₹5 करेगी। यह नई शुल्क संरचना 21 जून 2025 से लागू होगी और इसका उद्देश्य कंपनी की लाभप्रदता बनाए रखना है, जो हालिया नियामक परिवर्तनों के कारण दबाव में है ।
📊 नई शुल्क संरचना का विवरण
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वर्तमान न्यूनतम ब्रोकरेज: ₹2 प्रति ऑर्डर
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नया न्यूनतम ब्रोकरेज: ₹5 प्रति ऑर्डर
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अधिकतम ब्रोकरेज: ₹20 प्रति ऑर्डर (अपरिवर्तित)Reddit
यह वृद्धि मुख्य रूप से उन निवेशकों को प्रभावित करेगी जो छोटे मूल्य के ट्रेड्स करते हैं, क्योंकि उनके लिए प्रति ट्रेड लागत में वृद्धि होगी।
🏦 वृद्धि का कारण: नियामक दबाव और लाभप्रदता
Groww का यह कदम हालिया SEBI के ‘true-to-label’ नियमों के बाद आया है, जिसने ब्रोकरेज कंपनियों की छिपी हुई शुल्क वसूलने की क्षमता को सीमित कर दिया है। इन नियमों के तहत, ब्रोकर्स को अब केवल वही शुल्क ग्राहकों से वसूलने की अनुमति है जो वे मार्केट इन्फ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशंस (MIIs) को भुगतान करते हैं, जिससे उनकी लाभप्रदता पर असर पड़ा है ।
🔄 उद्योग में समान प्रवृत्तियाँ
Groww अकेली कंपनी नहीं है जिसने ब्रोकरेज शुल्क में वृद्धि की है। Angel One जैसी अन्य ब्रोकरेज कंपनियों ने भी हाल ही में अपने शुल्क संरचनाओं में बदलाव किए हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पूरा उद्योग इन नियामक परिवर्तनों के प्रभाव से गुजर रहा है।@EconomicTimes+1Pulse+1
🧮 निवेशकों के लिए प्रभाव
छोटे मूल्य के ट्रेड्स करने वाले निवेशकों के लिए, यह वृद्धि उनके कुल निवेश लागत में वृद्धि कर सकती है। उदाहरण के लिए, यदि कोई निवेशक ₹1,000 का ट्रेड करता है, तो पहले उसे ₹2 का ब्रोकरेज देना पड़ता था, जो अब ₹5 हो जाएगा, यानी 0.5% से बढ़कर 0.5% हो जाएगा।
📌 निष्कर्ष
Groww द्वारा ब्रोकरेज शुल्क में की गई यह वृद्धि कंपनी की लाभप्रदता बनाए रखने और नियामक आवश्यकताओं का पालन करने के लिए की गई है। हालांकि, यह छोटे निवेशकों के लिए अतिरिक्त लागत का कारण बन सकती है। निवेशकों को अपने ट्रेडिंग पैटर्न की समीक्षा करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके निवेश निर्णय इन नए शुल्क संरचनाओं के अनुरूप हों।