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IIT मद्रास का नया रोड सेफ्टी मिशन: 100 ज़िलों में दुर्घटनाओं को कम करने की पहल

🛣️ IIT मद्रास की नई पहल: सड़क सुरक्षा के लिए डेटा-आधारित समाधान

IIT मद्रास के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर रोड सेफ्टी (CoERS) ने भारत के 17 राज्यों के 100 उच्च-जोखिम वाले ज़िलों में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए ‘डेटा-ड्रिवन हाइपरलोकल इंटरवेंशन’ (DDHI) कार्यक्रम शुरू किया है। यह पहल सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के सहयोग से शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य स्थानीय स्तर पर विशिष्ट चुनौतियों का समाधान करना है। Wikipedia+6Indian Institute of Technology Madras+6dtnext+6


📊 कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएं


📍 क्यों है यह पहल महत्वपूर्ण?

भारत में 2022 में 4,61,312 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 1,68,491 लोगों की मृत्यु हुई। इनमें से कई दुर्घटनाएं स्थानीय समस्याओं के कारण हुईं, जैसे कि खराब सड़क डिजाइन, अनुचित संकेत और आपातकालीन सेवाओं की कमी। DDHI कार्यक्रम इन समस्याओं का समाधान करने के लिए स्थानीय स्तर पर डेटा-आधारित हस्तक्षेप प्रदान करता है। dtnext+1Indian Institute of Technology Madras+1


🏛️ सरकारी समर्थन और दृष्टिकोण

MoRTH के सचिव वी. उमाशंकर ने कहा, “हर दुर्घटना के पीछे एक कहानी होती है, और उस कहानी को स्थानीय स्तर पर समझना सबसे अच्छा होता है। यह पहल जिलों को आवश्यक उपकरण और अंतर्दृष्टि प्रदान करती है ताकि वे जीवन बचा सकें।” Indian Institute of Technology Madras+1dtnext+1


🎯 भविष्य की दिशा

यह पहल न केवल सड़क सुरक्षा में सुधार लाने का प्रयास है, बल्कि यह एक मॉडल भी प्रस्तुत करती है जिसे अन्य ज़िलों और राज्यों में दोहराया जा सकता है। स्थानीय निकायों को सशक्त बनाकर और डेटा-आधारित निर्णयों के माध्यम से, यह कार्यक्रम सड़क दुर्घटनाओं को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।


🔚 निष्कर्ष

IIT मद्रास का DDHI कार्यक्रम भारत में सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। स्थानीय समस्याओं का समाधान करने के लिए डेटा और तकनीक का उपयोग करके, यह पहल सड़क दुर्घटनाओं को कम करने और लोगों की जान बचाने में सहायक हो सकती है।

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