भारत में इस वित्तीय वर्ष के अंत तक होंगे 1 अरब इंटरनेट यूजर: ज्योतिरादित्य सिंधिया का दावा

भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने वाली है। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने द हिंदू को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि भारत इस वित्तीय वर्ष (2024-25) के अंत तक 1 अरब इंटरनेट यूजर्स वाला देश बन जाएगा। यह डिजिटल भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी।

क्यों है यह उपलब्धि महत्वपूर्ण?

भारत पहले ही दुनिया में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या के मामले में दूसरे स्थान पर है, केवल चीन से पीछे। लेकिन अब यह देश अपने दम पर डिजिटल क्रांति की दिशा में निर्णायक कदम बढ़ा रहा है। 1 अरब यूजर्स का आंकड़ा न सिर्फ तकनीकी विस्तार का प्रतीक होगा, बल्कि यह दिखाता है कि भारत डिजिटल समावेशन की ओर कितना तेजी से बढ़ रहा है।


भारतनेट और डिजिटल इंडिया: मुख्य ड्राइविंग फोर्स

सिंधिया ने इस विकास का श्रेय विशेष रूप से भारतनेट परियोजना और डिजिटल इंडिया मिशन को दिया। उन्होंने बताया:

  • भारतनेट, जिसे 2011 में शुरू किया गया था, का लक्ष्य भारत की सभी 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड इंटरनेट से जोड़ना है।

  • अब तक लाखों किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई जा चुकी है, जिससे गांवों में भी उच्च गति की इंटरनेट सेवा मिल रही है।

  • भारतनेट ने 7 लाख से अधिक वाई-फाई हॉटस्पॉट स्थापित किए हैं, जो डिजिटल समावेशन को मजबूती दे रहे हैं।


संख्याओं में भारत की डिजिटल छलांग

  • सितंबर 2024 तक, भारत में कुल 949.21 मिलियन ब्रॉडबैंड यूजर्स थे।

    • इनमें 905.46 मिलियन वायरलेस और 43.75 मिलियन वायरलाइन उपयोगकर्ता थे।

  • शहरी क्षेत्रों में इंटरनेट की पहुंच पहले से अच्छी थी, लेकिन अब ग्रामीण भारत में भी इंटरनेट उपयोग में बेतहाशा वृद्धि देखी गई है।

  • ग्रामीण इलाकों में बढ़ती डिजिटल सेवाओं (जैसे UPI, डिजिटल शिक्षा, ऑनलाइन सरकारी सेवाएं) ने इंटरनेट की मांग को तेजी से बढ़ाया है।


सरकार की भविष्य की रणनीति

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार सिर्फ आंकड़े बढ़ाने तक सीमित नहीं रहना चाहती। आने वाले समय में:

  • 5G कनेक्टिविटी का विस्तार ग्रामीण क्षेत्रों तक किया जाएगा।

  • साइबर सुरक्षा, डिजिटल साक्षरता और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस बढ़ेगा।

  • भारतनेट को और अधिक आधुनिक और तेज़ बनाया जाएगा ताकि इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को बेहतर अनुभव मिल सके।


वैश्विक प्रभाव और निवेश की संभावनाएं

भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 1 अरब तक पहुंचने का सीधा असर वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा। इससे:

  • ई-कॉमर्स, फिनटेक, हेल्थटेक और एजुकेशन टेक स्टार्टअप्स को नया बाजार मिलेगा।

  • वैश्विक तकनीकी कंपनियां भारत में निवेश करने के लिए उत्साहित होंगी।

  • भारत की डिजिटल जीडीपी में भी उल्लेखनीय योगदान बढ़ेगा।


निष्कर्ष

भारत का 1 अरब इंटरनेट उपयोगकर्ताओं तक पहुंचना केवल एक आंकड़ा नहीं है — यह डिजिटल आत्मनिर्भरता, समावेश और समान अवसरों की ओर बढ़ते भारत की कहानी है। ज्योतिरादित्य सिंधिया की यह घोषणा यह संकेत देती है कि भारत सिर्फ तकनीकी रूप से नहीं, बल्कि सामाजिक-आर्थिक रूप से भी एक नई डिजिटल पहचान बना रहा है।

भारत अब इंटरनेट की दुनिया में सिर्फ एक उपयोगकर्ता नहीं, एक लीडर बनकर उभर रहा है।

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