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🇮🇳 भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच रक्षा क्षेत्र के शेयरों में जबरदस्त उछाल: निवेशकों के लिए क्या मायने?

🇮🇳 भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच रक्षा क्षेत्र के शेयरों में जबरदस्त उछाल: निवेशकों के लिए क्या मायने?


🔥 भारत-पाकिस्तान तनाव और रक्षा शेयरों में तेजी

22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 नागरिकों की मौत के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। इस घटना के बाद भारतीय नौसेना ने लंबी दूरी की मिसाइलों का परीक्षण किया, जबकि पाकिस्तान ने अपनी वायु रक्षा प्रणाली और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध उपकरणों को अग्रिम मोर्चों पर तैनात किया है।The Guardian+1The Economic Times+1The Economic Times

इस बढ़ते तनाव के बीच, निवेशकों ने रक्षा क्षेत्र की कंपनियों में भरोसा जताया है, जिससे उनके शेयरों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।


📈 प्रमुख रक्षा कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन

30 अप्रैल 2025 को, निम्नलिखित रक्षा कंपनियों के शेयरों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई:The Economic Times

  • पारस डिफेंस: 20% की वृद्धि

  • डेटा पैटर्न्स (इंडिया): 14.9% की वृद्धि

  • गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स: 12.3% की वृद्धि

  • कोचीन शिपयार्ड: 10% की वृद्धि

  • माझगांव डॉक शिपबिल्डर्स: 8.7% की वृद्धि

  • यूनिमेक एयरोस्पेस एंड मैन्युफैक्चरिंग और DCX सिस्टम्स इंडिया: 6% से अधिक की वृद्धि

  • हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स: 4.15% की वृद्धि

  • भारत इलेक्ट्रॉनिक्स: 4% की वृद्धिThe Economic Times+1The Economic Times+1The Economic Times

विश्लेषकों का मानना है कि इन शेयरों में अभी और 10-15% की वृद्धि की संभावना है, खासकर चौथी तिमाही के मजबूत परिणामों की उम्मीद के चलते।


🧠 विशेषज्ञों की राय

StoxBox के रिसर्च हेड मनीष चौधरी के अनुसार, “भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के चलते निवेशक रक्षा क्षेत्र के शेयरों के प्रति सकारात्मक रुख अपना रहे हैं।”The Economic Times

Motilal Oswal Financial Services के खुदरा अनुसंधान प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, “भारत और फ्रांस के बीच 26 राफेल विमानों के लिए ₹63,000 करोड़ के सौदे और बजट में समुद्री विकास कोष के लिए ₹25,000 करोड़ के आवंटन ने रक्षा शेयरों में हालिया उछाल में योगदान दिया है।”The Economic Times


📊 निवेशकों के लिए क्या मायने?

रक्षा क्षेत्र में सरकार के बढ़ते निवेश और स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देने की नीतियों के चलते, इस क्षेत्र में दीर्घकालिक निवेश के अच्छे अवसर दिखाई दे रहे हैं। हालांकि, निवेशकों को बाजार की अस्थिरता और भू-राजनीतिक जोखिमों को ध्यान में रखते हुए सतर्कता बरतनी चाहिए।

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