Karnataka की KMCRI (Karnataka Medical College & Research Institute) द्वारा किए गए प्रारंभिक अध्ययन में पाया गया है कि Dharwad जिले के स्कूल जाने वाले अधिक वजन वाले किशोरों में दिल से जुड़े जोखिम सूचक (जैसे रक्तचाप, रक्त वसा, insulin resistance) सामान्य वज़न वाले साथियों की तुलना में अधिक पाए गए।
यह अध्ययन दर्शाता है कि एक स्वस्थ युवा भी मोटापा होने पर cardiovascular metabolic risk markers से ग्रस्त हो सकते हैं ।
📊 अध्ययन की प्रमुख जानकारियां
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आंकड़े: स्कूल जाने वाले किशोरों में overweight/obesity का प्रारंभिक आंकलन और हृदय–मेटाबॉलिक जोखिम मार््कर का विश्लेषण किया गया
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प्रारंभिक परिणाम: अधिक वजन वाले किशोरों में:
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Hypertension (उच्च रक्तचाप),
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Dyslipidemia (असामान्य cholesterol–ट्राइग्लिसराइड स्तर),
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Insulin resistance
‑ ये सभी जोखिम बढ़े हुए पाए गए ।
उदाहरण के लिए – अन्य अध्ययनों में पाया गया कि कहीं‑कहीं obese बच्चों में 30–40% तक dyslipidemia और hypertension पाया गया ।
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🧠 हार्ट रिस्क का वैज्ञानिक आधार
वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि:
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Childhood obesity से पहले ही atherosclerosis (शिराओं में वसा जमाव) के जोखिम चिह्न बन सकते हैं ।
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मोटापा, असंतुलित भोजन, और शारीरिक निष्क्रियता कई हृदय रोग‑कारकों की ओर ले जाती है — उच्च BP, LDL वृद्धि, insulin resistance सहित ।
🌱 निवेशित रोकथाम: छोटी शुरुआत, बड़ा परिणाम
स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से इन जोखिमों को कम किया जा सकता है:
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नियमित व्यायाम – सप्ताह में कम से कम 150 मिनट moderate excercise (वॉक, साइकलिंग)
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स्वस्थ आहार – फल, सब्ज़ी, whole grains, कम तेल—Junk food और Shakes कम करें
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स्क्रीन टाइम में कटौती – हर 30–45 मिनट स्क्रीन ब्रेक; खड़े होकर स्ट्रेच करें
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नियमित स्वास्थ्य चेकअप – BMI, BP, LFT, Lipid profile, ग्लूकोज करें
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शिक्षा और जागरूकता – स्कूल‑स्तर पर बच्चों और अभिभावकों को होरहित दिल की सेहत की जानकारी दें
✅ निष्कर्ष
KMCRI का यह प्रारंभिक अध्ययन एक स्पष्ट चेतावनी है: भारत में युवा भी मोटापे के कारण दिल की बीमारियों के जोखिम में पड़ रहे हैं။ अगर समय रहते जीवनशैली में बदलाव करें—विशेषकर सक्रिय जीवनशैली, संतुलित आहार और नियमित जांच—तो यह reversible है।