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नई दुल्हन को मंगलसूत्र पहनते समय ध्यान रखनी चाहिए ये 7 बातें, वरना हो सकता है अशुभ प्रभाव

🌺 मंगलसूत्र: सिर्फ एक गहना नहीं, बल्कि विश्वास का प्रतीक

हिंदू धर्म में विवाह के पश्चात दुल्हन को मंगलसूत्र पहनाया जाता है, जो न सिर्फ एक गहना है बल्कि पति की लंबी उम्र और विवाह के बंधन का प्रतीक माना जाता है। यह सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि महिला के विवाहित होने का शुभ संकेत है। माना जाता है कि अगर इसे सही नियमों के अनुसार पहना जाए तो यह महिला और उसके वैवाहिक जीवन के लिए सौभाग्यदायक होता है।


📿 नई दुल्हन को मंगलसूत्र पहनते समय इन 7 बातों का ध्यान रखना चाहिए

1. पहली बार पहनने की विधि

मंगलसूत्र पहली बार विवाह के दिन पति द्वारा दुल्हन की गर्दन में बांधा जाता है। इसके बाद इसे शुभ मुहूर्त में ही दोबारा पहना या बदला जाना चाहिए।

2. हमेशा शरीर से सटा होना चाहिए

माना जाता है कि मंगलसूत्र शरीर से सटा रहना चाहिए। यह पति की सुरक्षा और ऊर्जा संतुलन का प्रतीक है।

3. सोते समय न निकालें

रात को सोते समय मंगलसूत्र निकालना अशुभ माना जाता है। इसे हमेशा पहने रखना चाहिए, जब तक कि विशेष कारण न हो।

4. तिजोरी या पूजा स्थल पर न रखें

अगर किसी कारणवश इसे उतारना भी पड़े, तो उसे पूजा स्थल या तिजोरी में रखने की सलाह नहीं दी जाती। यह स्थान देवी-देवताओं के लिए आरक्षित होता है।

5. मंगलवार और शनिवार को न बदलें

हिंदू मान्यताओं के अनुसार मंगलवार और शनिवार को मंगलसूत्र को बदलना या नया पहनना अशुभ माना जाता है।

6. दूसरों को न दें पहनने

मंगलसूत्र बहुत निजी और पवित्र होता है, इसलिए इसे किसी और को पहनने के लिए नहीं देना चाहिए, यहां तक कि परिवार की महिलाओं को भी नहीं।

7. मंगलसूत्र टूट जाए तो क्या करें?

अगर मंगलसूत्र टूट जाए, तो उसे तुरंत शुभ मुहूर्त में किसी पंडित से ठीक कराना चाहिए। इसे टूटा हुआ पहनना या फेंकना अशुभ संकेत माना जाता है।


🌼 मंगलसूत्र के पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक कारण


🔔 क्या आप जानते हैं?


निष्कर्ष:

मंगलसूत्र विवाह के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है, इसलिए इसे केवल गहने की तरह न पहनें, बल्कि उसके पीछे की आस्था और भावना को भी समझें। नई दुल्हनों को विशेष रूप से इन नियमों का ध्यान रखना चाहिए ताकि उनका वैवाहिक जीवन मंगलमय और सुखद बना रहे।

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