🔥 इंटरनेट बंदी की घोषणा
मणिपुर सरकार ने 7 जून की रात 11:45 बजे से Imphal West, Imphal East, Thoubal, Kakching और Bishnupur जिलों में इंटरनेट व मोबाइल डेटा सेवाएं (VSAT और VPN सहित) 5 दिनों के लिए निलंबित कर दी हैं timesofindia.indiatimes.com+15m.economictimes.com+15economictimes.indiatimes.com+15। यह कदम Arambai Tenggol संगठन के मेइतेई नेता की गिरफ्तारी और इसके बाद उभरे विरोध प्रदर्शनों के मद्देनज़र लिया गया।
📌 क्या था तनाव का कारण?
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Arambai Tenggol के एक वरिष्ठ नेता को 7 जून को गिरफ्तार करने पर युवा सदस्यों में उबाल आया, कुछ प्रदर्शनकारी सड़क जाम करने लगे, टायर जलाए गए और केंद्रीय सुरक्षा बलों के साथ झड़पें हुईं ।
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एक सोशल मीडिया वीडियो में कुछ प्रदर्शनकारी पेट्रोल लेकर आत्मदाह की धमकी देते देखे गए, जिससे हालात और तनावपूर्ण हो गए timesofindia.indiatimes.com।
🚨 इंटरनेट बंदी का तर्क
आधिकारिक आदेश में कहा गया: “खतरनाक गलत सूचना, भड़काऊ संदेश और सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने वाले कंटेंट को रोकने के लिए यह जरूरी है।”
गृह आयुक्त एन. अशोक कुमार ने स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया का दुरुपयोग कानून-व्यवस्था बिगाड़ सकता है ।
⚖️ प्रशासनिक प्रतिबंध
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इसके साथ साथ जिलों में Section 163 (BNSS) के तहत 5 या अधिक लोगों को जमा होने से प्रतिबंध लगाया गया।
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Bishnupur में कर्फ्यू लगाया गया, Imphal East-West-Thoubal-Kakching जिलों में नाइट कर्फ्यू लागू किया गया timesofindia.indiatimes.com+12indianexpress.com+12moneycontrol.com+12।
👮 सुरक्षा बलों की तैनाती
सरकार ने प्रदर्शन पर काबू पाने के लिए अतिरिक्त केन्द्रीय सुरक्षा बलों को Imphal घाटी में तैनात किया है। पुलिस ने भी आंसू गैस के गोले दागे और कुछ इलाकों में गोलीबारी की गई, जिससे कई प्रदर्शनकारी और स्थानीय नागरिक घायल हुए ।
⚠️ कर्फ्यू-इंटरनेट बंद का प्रभाव
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आम लोग, छात्र, पत्रकार और छोटे व्यवसायी इंटरनेट पर निर्भर थे—उनकी गतिविधियों पर तुरंत असर पड़ा है।
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छात्र ऑनलाइन क्लासेज और तैयारी पर रुकावट आई, जबकि व्यापारियों को डिजिटल भुगतान में समस्या हुई और लोकल व्यापारी परेशान रहे।
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पत्रकारों को रिपोर्टिंग कठिनाई हुई और सोशल मीडिया संवाद अवरुद्ध रहा।
🧭 सामाजिक और लंबी अवधि के निहितार्थ
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इंटरनेट बंदी अक्सर मानवाधिकार समूह और भारत-राष्ट्रीय नियामकों के विरोध का कारण बनती है—यह अस्थायी तो हो सकती है, लेकिन इससे बुनियादी आज़ादी, जानकारी तक पहुंच, और डिजिटल अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ता है ।
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पिछले साल सितम्बर में भी घाटी में लंबी बंदी हो चुकी है—जो भारत में अब तक सबसे लंबी इंटरनेट कटौती में से एक मानी गई थी ।
✅ निष्कर्ष
मणिपुर में इंटरनेट व मोबाइल डेटा सेवाओं की 5-दिनी निलंबन और कर्फ्यू इस बात का संकेत है कि प्रशासन उभरते संकट और हिंसा को नियंत्रित करने के लिए सख्त उपाय कर रहा है।
हालांकि इससे कानून व्यवस्था तुरंत काबु में आ सकती है, लेकिन साथ में डिजिटल आज़ादी और स्थानीय जीवन पर इसका गहरा असर भी पड़ता है।
अब यह देखना होगा कि क्या 5 दिनों में स्थिति सुधरती है या फिर प्रशासन को इन उपायों में विस्तार करना होगा।