मार्च 2025 तिमाही में SBI, ICICI बैंक और HDFC बैंक की तुलना: कौन रहा आगे?
मार्च 2025 तिमाही में भारत के तीन प्रमुख बैंकों—SBI, ICICI बैंक और HDFC बैंक—ने अपने वित्तीय परिणाम घोषित किए। इन परिणामों से यह स्पष्ट होता है कि ICICI बैंक ने कई प्रमुख मानकों में अपने प्रतिस्पर्धियों को पीछे छोड़ दिया है।
📊 प्रमुख वित्तीय संकेतक तुलना
संकेतक | SBI | ICICI बैंक | HDFC बैंक |
---|---|---|---|
शुद्ध लाभ (YoY) | ₹18,642.6 करोड़ (-10%) | ₹12,629.6 करोड़ (+18%) | ₹17,616 करोड़ (+6.7%) |
NIM | 3.15% | 4.41% | 3.65% |
RoA | ~1.13% | 2.52% | 1.94% |
ऋण वृद्धि (YoY) | 12% | 13.3% | 5.4% |
नेट NPA | 0.47% | 0.39% | 0.43% |
🔍 विश्लेषण
SBI: चुनौतियों का सामना
SBI का शुद्ध लाभ 10% घटकर ₹18,642.6 करोड़ रहा, जिसका मुख्य कारण बढ़ते कर्मचारी खर्च हैं। हालांकि बैंक ने 12% की ऋण वृद्धि दर्ज की, लेकिन इसका NIM 3.15% रहा, जो ICICI बैंक और HDFC बैंक से कम है। नेट NPA में सुधार हुआ है, जो 0.47% पर आ गया है, लेकिन RoA लगभग 1.13% रहा, जो प्रतिस्पर्धियों से कम है।The Financial Expressecoinvest.in+2Business Insider+2ICICI Direct+2
ICICI बैंक: मजबूत प्रदर्शन
ICICI बैंक ने 18% की वृद्धि के साथ ₹12,629.6 करोड़ का शुद्ध लाभ अर्जित किया। बैंक का NIM 4.41% और RoA 2.52% रहा, जो इसे प्रतिस्पर्धियों से आगे रखता है। ऋण वृद्धि भी 13.3% रही, जो SME और कॉर्पोरेट ऋणों से प्रेरित थी।The Financial Express+1The Financial Express+1
HDFC बैंक: स्थिर लेकिन धीमी वृद्धि
HDFC बैंक का शुद्ध लाभ 6.7% बढ़कर ₹17,616 करोड़ रहा। NIM 3.65% और RoA 1.94% रहा। ऋण वृद्धि 5.4% रही, जो अपेक्षाकृत धीमी है। नेट NPA 0.43% पर रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में थोड़ा अधिक है।The Financial Express+1The Financial Express+1
📈 निवेशकों के लिए संकेत
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SBI: हालांकि बैंक का मूल्यांकन आकर्षक है, लेकिन वर्तमान में इसके प्रदर्शन में गिरावट और कम NIM निवेशकों के लिए चिंता का विषय हो सकते हैं।ecoinvest.in+4The Hindu Business Line+4mint+4
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ICICI बैंक: मजबूत वित्तीय प्रदर्शन और उच्च RoA इसे निवेश के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाते हैं।
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HDFC बैंक: स्थिर प्रदर्शन के बावजूद, धीमी ऋण वृद्धि निवेशकों को सतर्क कर सकती है।
🔚 निष्कर्ष
मार्च 2025 तिमाही में ICICI बैंक ने अपने मजबूत वित्तीय प्रदर्शन के साथ प्रतिस्पर्धियों को पीछे छोड़ दिया है। SBI को अपने NIM और RoA में सुधार की आवश्यकता है, जबकि HDFC बैंक को अपनी ऋण वृद्धि रणनीति पर पुनर्विचार करना चाहिए।