भारत में 7 मई को राष्ट्रव्यापी रक्षा मॉक ड्रिल: एयर रेड सायरन, ब्लैकआउट और नागरिक सुरक्षा अभ्यास
🛡️ 7 मई को भारत में राष्ट्रव्यापी रक्षा मॉक ड्रिल: जानिए क्या होगा
भारत सरकार 7 मई 2025 को देशभर में एक व्यापक नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल आयोजित कर रही है। यह अभ्यास 1971 के बाद पहली बार हो रहा है, जिसका उद्देश्य नागरिकों और सरकारी एजेंसियों की आपातकालीन स्थितियों में प्रतिक्रिया क्षमता का परीक्षण करना है। यह निर्णय हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले और भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर लिया गया है।
📍 कहां-कहां होगा अभ्यास?
यह मॉक ड्रिल 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 244 नागरिक सुरक्षा जिलों में आयोजित की जाएगी, जिनमें दिल्ली, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और गोवा शामिल हैं। India TV News+1The Economic Times+1
🔔 मॉक ड्रिल के दौरान क्या होगा?
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एयर रेड सायरन और संचार जांच: हमले की चेतावनी देने के लिए सायरन बजाए जाएंगे और भारतीय वायुसेना के साथ हॉटलाइन/रेडियो संचार लिंक सक्रिय किए जाएंगे।
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नियंत्रण कक्ष की तत्परता: मुख्य और शैडो नियंत्रण कक्षों की कार्यक्षमता और संचार क्षमताओं का परीक्षण किया जाएगा।
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ब्लैकआउट अभ्यास: अभ्यास के दौरान अस्थायी ब्लैकआउट, मोबाइल सिग्नल निलंबन और यातायात मोड़ जैसी स्थितियां उत्पन्न की जा सकती हैं। The Economic Times
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नागरिकों और छात्रों का प्रशिक्षण: नागरिकों, विशेषकर छात्रों को आपातकालीन स्थितियों में सुरक्षा उपायों के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा।
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महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों का छद्मावरण: महत्वपूर्ण संयंत्रों/स्थापनों का प्रारंभिक छद्मावरण सुनिश्चित किया जाएगा।
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निकासी योजनाओं का अद्यतन और अभ्यास: निकासी योजनाओं को अद्यतन किया जाएगा और उनका अभ्यास किया जाएगा।
⚠️ नागरिकों के लिए दिशा-निर्देश
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शांति बनाए रखें: यह केवल एक अभ्यास है, घबराने की आवश्यकता नहीं है।
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स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें: सभी निर्देशों और घोषणाओं का पालन करें।
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सुरक्षित स्थानों पर रहें: ब्लैकआउट या सायरन के दौरान सुरक्षित स्थानों पर रहें।
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आपातकालीन किट तैयार रखें: टॉर्च, रेडियो, आवश्यक दवाएं और अन्य आवश्यक वस्तुएं तैयार रखें।
📝 निष्कर्ष
यह मॉक ड्रिल भारत की नागरिक सुरक्षा प्रणाली की तत्परता और प्रभावशीलता का परीक्षण करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। नागरिकों की भागीदारी और सहयोग से यह अभ्यास सफल होगा और भविष्य में किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने में मदद करेगा।