Site icon Taaza News

नाइट शिफ्ट करने वाली महिलाओं में अस्थमा का खतरा अधिक! जानें क्यों और कैसे बचाव करें

आज के समय में महिलाएं हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं — चाहे वो हॉस्पिटल हो, कॉल सेंटर, सिक्योरिटी या टेक्नोलॉजी सेक्टर। लेकिन नाइट शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं की सेहत पर एक नई रिसर्च ने चिंता बढ़ा दी है।

एक हालिया अध्ययन के मुताबिक, जो महिलाएं नियमित रूप से नाइट शिफ्ट में काम करती हैं, उनमें अस्थमा (Asthma) का खतरा अन्य की तुलना में अधिक होता है।
इस ब्लॉग में जानिए — क्या है इसका कारण, क्या कहती है रिसर्च, लक्षण, और कैसे बचाव संभव है।


🧪 क्या कहती है नई स्टडी?


🌙 नाइट शिफ्ट और शरीर का बायोलॉजिकल सिस्टम

हमारे शरीर में एक सर्केडियन रिदम (Circadian Rhythm) होता है — यानी शरीर की जैविक घड़ी।
नाइट शिफ्ट इस प्राकृतिक प्रणाली को बिगाड़ देती है, जिससे:


🫁 अस्थमा के मुख्य लक्षण:

यदि ये लक्षण नियमित रूप से नाइट शिफ्ट करने के बाद उभरने लगे हैं, तो इन्हें हल्के में न लें।


👩 महिलाओं में बढ़ा खतरा क्यों?


🛡️ नाइट शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं के लिए बचाव के उपाय:

नींद की गुणवत्ता सुधारें: दिन में कम से कम 7–8 घंटे की गहरी नींद लें, मोबाइल/लाइट से दूरी रखें
संतुलित आहार लें: प्रोटीन, हरी सब्ज़ी, फल और ओमेगा-3 फैटी एसिड शामिल करें
रेगुलर एक्सरसाइज करें: फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने के लिए योग और प्राणायाम करें
रोज़ाना हाइड्रेशन बनाए रखें – पानी और हर्बल चाय पिएं
धूम्रपान, धूल और केमिकल से बचें – ये अस्थमा को ट्रिगर कर सकते हैं
वार्षिक फेफड़ों की जांच कराएं – विशेषकर यदि पहले से सांस की समस्या रही हो


📣 नियोक्ताओं और संस्थानों के लिए सुझाव:


🔚 निष्कर्ष:

नाइट शिफ्ट आज की ज़रूरत बन गई है, लेकिन इसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता
विशेष रूप से महिलाओं के लिए, यह अस्थमा जैसी पुरानी बीमारी का कारण बन सकता है।
इसलिए यदि आप या आपकी कोई जान-पहचान की महिला नियमित नाइट शिफ्ट में है, तो समय रहते सावधान हो जाइए —
क्योंकि बचाव ही सबसे अच्छा इलाज है।

Source link

Exit mobile version