पाहलगाम आतंकी हमला: ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत की जवाबी कार्रवाई से भारत-पाकिस्तान तनाव चरम पर

7 मई 2025 को भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया जब भारतीय वायुसेना ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान-प्रशासित कश्मीर में नौ ठिकानों पर हवाई हमले किए। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई, जिसमें 28 नागरिकों की जान गई थी।Wikipedia

पाहलगाम हमला: एक वीभत्स त्रासदी

22 अप्रैल को अनंतनाग जिले के बैसरन घाटी में पांच आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 25 हिंदू, एक ईसाई पर्यटक और एक स्थानीय मुस्लिम नागरिक की मौत हो गई। हमलावरों ने पीड़ितों की धार्मिक पहचान पूछकर उन्हें निशाना बनाया। इस हमले की जिम्मेदारी पहले “द रेजिस्टेंस फ्रंट” (TRF) ने ली, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा संगठन है, लेकिन बाद में उन्होंने अपना दावा वापस ले लिया।

ऑपरेशन सिंदूर: भारत की निर्णायक प्रतिक्रिया

भारत ने इस हमले के जवाब में “ऑपरेशन सिंदूर” लॉन्च किया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान-प्रशासित कश्मीर में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर निशाना साधा गया। इन हमलों में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों को निशाना बनाया गया। पाकिस्तान ने इन हमलों में आठ नागरिकों की मौत और 35 के घायल होने की पुष्टि की है।Latest news & breaking headlines+2The Sun+2Latest news & breaking headlines+2

पाकिस्तान ने भारत के इस कदम को “युद्ध की कार्रवाई” बताया और जवाबी कार्रवाई में दो भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराने का दावा किया। इसके अलावा, पाकिस्तान ने अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया और आपातकालीन बैठकें बुलाईं।

राष्ट्रीय सुरक्षा और नागरिक सुरक्षा अभ्यास

भारत सरकार ने संभावित खतरे को देखते हुए 7 मई को “ऑपरेशन अभ्यास” नामक एक राष्ट्रव्यापी नागरिक सुरक्षा ड्रिल आयोजित की, जिसमें 244 जिलों में हवाई हमलों की चेतावनी, ब्लैकआउट और निकासी अभ्यास शामिल थे। यह अभ्यास 1971 के बाद का सबसे बड़ा नागरिक सुरक्षा अभ्यास माना जा रहा है।Wikipedia

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और कूटनीतिक कदम

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। भारत ने पाकिस्तान के साथ कूटनीतिक संबंधों में कटौती करते हुए वीजा रद्द कर दिए हैं और इंदुस जल संधि को निलंबित कर दिया है।

निष्कर्ष

पाहलगाम आतंकी हमला और उसके बाद की घटनाएं भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक नए मोड़ की ओर इशारा करती हैं। दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच बढ़ता तनाव न केवल क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक शांति के लिए भी खतरा बन सकता है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका अब पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।

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