🚨 खबर: ‘गोली मार दो, लेकिन भारत से मत निकालो’ — पहलगाम हमले के बाद लोगों का दर्द
📍 घटना की पृष्ठभूमि
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस हमले के बाद न केवल सुरक्षा बलों में बल्कि आम नागरिकों के बीच भी गहरा भय और बेचैनी फैल गई है।
इस बीच, कई स्थानीय लोगों की भावनाएं समाचार माध्यमों के माध्यम से सामने आईं, जो दिल को छूने वाली हैं।
📢 स्थानीयों की अपील: “हमें गोली मार दो, लेकिन भारत से मत निकालो”
पहलगाम और आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले आम नागरिकों ने एक ही सुर में कहा:
“हम भारतीय हैं। हमें गोली मार सकते हो, लेकिन भारत से बाहर फेंकने की बात मत करो।“
यह बयान उन अफवाहों और डर के जवाब में आया है, जिसमें कहा जा रहा था कि इलाके के कुछ हिस्सों में रहने वाले लोगों पर संदेह किया जा रहा है।
🛡️ सेना और सरकार का रुख
- भारतीय सेना और केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि आतंकियों और आम नागरिकों के बीच फर्क करना बेहद जरूरी है।
- निर्दोष नागरिकों को डराने-धमकाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।
- स्थानीय समुदायों का सहयोग भी मांगा गया है ताकि आतंक के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ी जा सके।
🇮🇳 पहलगाम की असली तस्वीर: एकता और देशभक्ति
जहाँ एक तरफ हमला करने वाले आतंक का चेहरा बनाते हैं, वहीं दूसरी ओर पहलगाम और घाटी के आम लोग अपने दिलों में भारत के लिए बेहद गहरा प्रेम और निष्ठा रखते हैं।
- लोग अपने घरों पर तिरंगा फहराते हुए दिखाई दिए।
- कई युवाओं ने सोशल मीडिया पर भी अपना समर्थन जताते हुए पोस्ट शेयर किए: “हम भारतीय थे, हैं और रहेंगे।“
🔥 निष्कर्ष
पहलगाम हमले ने एक बार फिर साबित कर दिया कि आतंक केवल हथियारों से नहीं, बल्कि दिलों को तोड़ने की कोशिश करता है।
लेकिन भारत के आम नागरिक, खासकर कश्मीर घाटी के लोग, अपने अटूट जज्बे से ये संदेश दे रहे हैं:
“हम भारत का हिस्सा हैं, और रहेंगे। आतंक हमारा हौसला नहीं तोड़ सकता।”
🎯 Call to Action (CTA)
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भारत एक था, एक है और एक रहेगा। 🇮🇳
Pahalgam attack fallout: ‘Shoot us, but don’t throw us out of India’ Times of India