🇵🇰 असीम मुनीर: पराजय के बाद फील्ड मार्शल का पद

21 मई 2025 को पाकिस्तान सरकार ने सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत किया। यह पाकिस्तान के इतिहास में दूसरा मौका है जब किसी अधिकारी को यह पांच सितारा पद प्रदान किया गया है; इससे पहले 1959 में जनरल अयूब खान को यह सम्मान मिला था। Maharashtra Times


⚔️ भारत के साथ सैन्य संघर्ष और ऑपरेशन सिंदूर

हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सैन्य संघर्ष, जिसे “ऑपरेशन सिंदूर” कहा गया, में पाकिस्तान को भारी नुकसान उठाना पड़ा। भारतीय वायुसेना ने 7 मई को पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए, जिसके जवाब में पाकिस्तान ने भी कार्रवाई की। हालांकि, इस संघर्ष में पाकिस्तान की स्थिति कमजोर रही और अंततः अमेरिका की मध्यस्थता से 10 मई को संघर्षविराम हुआ।


🎖️ पदोन्नति के पीछे की रणनीति

सामान्यतः फील्ड मार्शल का पद सैन्य विजय के बाद दिया जाता है, लेकिन इस बार यह पराजय के बाद प्रदान किया गया। विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय असीम मुनीर को आंतरिक चुनौतियों से बचाने और उनकी स्थिति को मजबूत करने के लिए लिया गया है। फील्ड मार्शल का पद उन्हें कोर्ट मार्शल जैसी अनुशासनात्मक कार्रवाइयों से भी सुरक्षा प्रदान करता है। @EconomicTimes


🧭 पद की प्रतीकात्मकता और अधिकार

फील्ड मार्शल का पद मुख्यतः प्रतीकात्मक होता है और इसमें कोई सक्रिय सैन्य कमान नहीं होती। यह पद आजीवन मान्य होता है और इसके साथ विशेष वर्दी, सलामी के लिए बैटन और आधिकारिक वाहनों पर पांच सितारे जैसे विशेषाधिकार मिलते हैं।


📣 जनता और सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया

असीम मुनीर की पदोन्नति पर सोशल मीडिया पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखी गईं। कुछ लोगों ने इसे “पराजय के बाद पुरस्कार” कहकर आलोचना की, जबकि कुछ ने इसे सेना की प्रतिष्ठा को बनाए रखने का प्रयास माना। ट्विटर पर “फेल्ड मार्शल” जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि जनता में इस निर्णय को लेकर विभाजन है। www.ndtv.com


🧩 निष्कर्ष

असीम मुनीर की फील्ड मार्शल पद पर पदोन्नति पाकिस्तान की सैन्य और राजनीतिक रणनीति का हिस्सा प्रतीत होती है। यह निर्णय न केवल उनकी स्थिति को मजबूत करता है, बल्कि सेना की आंतरिक संरचना और देश की राजनीति में उसकी भूमिका को भी प्रभावित करता है। आने वाले समय में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह पदोन्नति पाकिस्तान की सैन्य नीतियों और भारत-पाक संबंधों पर क्या प्रभाव डालती है।

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