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डायबिटीज़ और हाई ब्लड प्रेशर से गर्भावस्था में हो सकती हैं ये 7 खतरनाक जटिलताएं

गर्भावस्था एक महिला के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है। इस दौरान यदि शरीर में कोई पुरानी या नई बीमारी उभरती है, तो वह न केवल माँ बल्कि बच्चे के लिए भी ख़तरनाक हो सकती है।
डायबिटीज़ (मधुमेह) और हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) दो ऐसी स्थितियां हैं जो गर्भावस्था में कई तरह की जटिलताएं पैदा कर सकती हैं।

इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि इन दो बीमारियों से गर्भवती महिला और भ्रूण को कौन-कौन से खतरे हो सकते हैं और उनसे कैसे बचाव किया जा सकता है।


⚠️ डायबिटीज़ और हाई बीपी से गर्भावस्था में होने वाली प्रमुख जटिलताएं:

1. प्री-एक्लेम्पसिया (Pre-eclampsia):


2. गर्भ में बच्चा बड़ा होना (Macrosomia):


3. अचानक मिसकैरेज या स्टिलबर्थ का खतरा:


4. प्रारंभिक प्रसव (Preterm Delivery):


5. भ्रूण का असमान विकास:


6. माँ में किडनी या लिवर संबंधित समस्याएं:


7. गर्भकालीन डायबिटीज़ का आगे चलकर टाइप 2 डायबिटीज़ में बदलना:


👩‍⚕️ क्या करें — सावधानियां और उपाय:

✅ गर्भधारण से पहले ब्लड शुगर और बीपी की जांच कराएं
✅ गर्भावस्था के दौरान नियमित जांच और सोनोग्राफी करवाएं
✅ डॉक्टर द्वारा दी गई दवाएं समय पर लें
✅ डायबिटीज़ के लिए संतुलित डाइट लें — मीठा, सफेद चावल, मैदा आदि से बचें
✅ बीपी नियंत्रित रखने के लिए कम नमक, तनाव मुक्त जीवनशैली और हल्का व्यायाम करें
✅ पर्याप्त नींद लें और तनाव से बचें
✅ भ्रूण की ग्रोथ पर विशेष नज़र रखें — समय-समय पर USG और डॉपलर स्कैन कराएं


🧘‍♀️ विशेषज्ञ की सलाह:

“अगर डायबिटीज़ और हाई बीपी को सही से मॉनिटर किया जाए, तो माँ और बच्चा दोनों स्वस्थ रह सकते हैं। ज़रूरत है तो सिर्फ जागरूकता और डॉक्टर की सलाह पर पूरा अमल करने की।”
– डॉ. सीमा वर्मा, प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ


🔚 निष्कर्ष:

गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज़ और हाई ब्लड प्रेशर जैसी स्थितियां चिंता का विषय हो सकती हैं, लेकिन अगर समय रहते इन पर नियंत्रण पा लिया जाए, तो गंभीर जटिलताओं से बचा जा सकता है।
हर माँ का हक है — एक सुरक्षित, स्वस्थ और खुशहाल गर्भावस्था। इसके लिए सही जानकारी और सतर्कता बेहद ज़रूरी है।

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