🏛️ सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी: बिटकॉइन व्यापार हवाला जैसा

19 मई 2025 को, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी के व्यापार पर स्पष्ट नीति क्यों नहीं बनाई गई है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि बिटकॉइन व्यापार एक समानांतर अवैध बाजार की तरह है, जो हवाला व्यापार के समान है। पीठ ने कहा, “केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी को नियंत्रित करने के लिए स्पष्ट नीति क्यों नहीं बनाती? इसका एक समानांतर अवैध बाजार है और यह अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकता है।”


⚖️ मामला: गुजरात में बिटकॉइन धोखाधड़ी

यह टिप्पणी उस समय आई जब कोर्ट गुजरात में बिटकॉइन धोखाधड़ी के एक आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी। आरोपी पर निवेशकों को उच्च रिटर्न का वादा करके धोखा देने और अपहरण में शामिल होने का आरोप है। केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट से निर्देश लेने का समय मांगा।


📜 क्रिप्टोकरेंसी पर भारत की नीति: अस्पष्टता जारी

भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर नीति अभी भी स्पष्ट नहीं है। 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने RBI के उस सर्कुलर को रद्द कर दिया था, जिसमें बैंकों को क्रिप्टो लेन-देन से रोकने का निर्देश दिया गया था। हालांकि, सरकार ने अभी तक क्रिप्टोकरेंसी के व्यापार को नियमित करने के लिए कोई स्पष्ट नीति नहीं बनाई है।


🔍 सुप्रीम कोर्ट की चिंता: आर्थिक प्रभाव

सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई कि क्रिप्टोकरेंसी का अवैध व्यापार अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इसलिए, कोर्ट ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह क्रिप्टोकरेंसी के व्यापार को नियंत्रित करने के लिए स्पष्ट नीति बनाए।


🔚 निष्कर्ष

सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी भारत में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को लेकर महत्वपूर्ण है। यह देखना होगा कि केंद्र सरकार इस पर क्या कदम उठाती है और क्या एक स्पष्ट नीति बनाकर क्रिप्टोकरेंसी के व्यापार को नियमित करती है।

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