Site icon Taaza News

सूर्य नमस्कार: 8 आसनों और 12 चरणों से बनाएं शरीर और मन को स्वस्थ

अगर आप एक ऐसी योग विधि की तलाश में हैं जो शरीर, मन और आत्मा — तीनों को संतुलित करे, तो सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) से बेहतर कुछ नहीं।
यह केवल एक व्यायाम नहीं, बल्कि एक संपूर्ण योग प्रक्रिया है जिसमें 12 चरण होते हैं और कुल मिलाकर 8 मुख्य आसनों से मिलकर यह चक्र पूरा होता है।


☀️ सूर्य नमस्कार क्या है?

सूर्य नमस्कार का शाब्दिक अर्थ है “सूर्य को प्रणाम करना”। यह प्राचीन भारतीय परंपरा में दिन की शुरुआत करने का श्रेष्ठ तरीका माना गया है।
इसमें किए जाने वाले प्रत्येक आसन का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है।


🧘‍♀️ सूर्य नमस्कार के 12 चरण:

चरण नाम (संस्कृत) लाभ
1 प्रणामासन (Pranamasana) एकाग्रता व संतुलन
2 हस्त उत्तानासन (Hasta Uttanasana) पीठ व पेट की मांसपेशियों को स्ट्रेच
3 पादहस्तासन (Padahastasana) पाचन शक्ति बढ़ाना
4 अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana) जांघों को मज़बूती
5 दंडासन (Dandasana) शरीर की रीढ़ को सीधा करना
6 अष्टांग नमस्कार (Ashtanga Namaskara) पूरे शरीर को क्रियाशील बनाना
7 भुजंगासन (Bhujangasana) मेरुदंड और छाती को खोलना
8 पर्वतासन (Parvatasana) कंधों और टांगों को स्ट्रेच करना
9 अश्व संचालनासन (पुनरावृत्ति) शरीर का लचीलापन
10 पादहस्तासन (पुनरावृत्ति) ब्लड फ्लो में सुधार
11 हस्त उत्तानासन (पुनरावृत्ति) ऊर्जा बढ़ाना
12 प्रणामासन (पुनरावृत्ति) मन को शांत करना

🧠 मानसिक और शारीरिक फायदे:

✅ शारीरिक लाभ:

✅ मानसिक लाभ:


🕒 कब और कैसे करें?


⚠️ सावधानियां:


📌 सुझाव:


🔚 निष्कर्ष:

सूर्य नमस्कार एक संपूर्ण व्यायाम है जो बिना किसी उपकरण के शरीर को फिट और मन को शांत रख सकता है।
रोज़ 15-20 मिनट का अभ्यास आपके जीवन में ऊर्जा, लचीलापन और मानसिक स्थिरता ला सकता है।

👉 “जहाँ सूर्य नमस्कार है, वहाँ दिन की शुरुआत में शक्ति और शांति दोनों का वास है।”

Source link

Exit mobile version