महिलाओं की प्रजनन प्रणाली में समय-समय पर कई बदलाव आते हैं। लेकिन कुछ बदलाव ऐसे भी हो सकते हैं जो किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकते हैं, जैसे – गर्भाशय में गांठ (Uterine Lump/Fibroid)। यह समस्या आम तो है, पर जब तक इसके संकेत स्पष्ट नहीं होते, तब तक महिलाएं इसे नजरअंदाज करती रहती हैं। यही लापरवाही आगे चलकर बड़ी समस्या बन सकती है।
❗ गर्भाशय में गांठ के 5 सामान्य लेकिन गंभीर संकेत:
1️⃣ अत्यधिक मासिक रक्तस्राव (Heavy Periods):
अगर मासिक धर्म के दौरान सामान्य से कहीं अधिक ब्लीडिंग हो रही है, या पीरियड्स लंबा चल रहा है, तो यह फाइब्रॉइड या अन्य गर्भाशय संबंधी विकार का संकेत हो सकता है।
✅ सावधान रहें जब:
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पीरियड्स 7 दिन से ज्यादा चलें
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पैड हर घंटे बदलना पड़े
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खून के थक्के (clots) ज्यादा निकलें
2️⃣ पेट के निचले हिस्से में लगातार भारीपन या दर्द:
गर्भाशय में गांठ के कारण आसपास की नसों और मांसपेशियों पर दबाव पड़ सकता है, जिससे पेट के निचले हिस्से में असहजता या दर्द बना रहता है।
✅ सावधान रहें जब:
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बिना किसी स्पष्ट कारण के पेट में भारीपन महसूस हो
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दर्द पीरियड्स से पहले या बाद में भी बना रहे
3️⃣ बार-बार पेशाब आना या पेशाब रुक-रुक कर आना:
गर्भाशय की गांठ मूत्राशय पर दबाव डाल सकती है, जिससे बार-बार पेशाब लगने की समस्या हो सकती है, या पूरी तरह पेशाब नहीं निकल पाता।
✅ सावधान रहें जब:
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दिन-रात कई बार पेशाब लगे
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मूत्र त्याग में जलन या रुकावट महसूस हो
4️⃣ कमर या पीठ के निचले हिस्से में दर्द:
गांठ अगर रीढ़ या नसों के पास स्थित हो तो इससे कमर में खिंचाव या तेज दर्द हो सकता है, जो लंबे समय तक बना रहता है।
✅ सावधान रहें जब:
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दर्द बिना आराम के लगातार बना रहे
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कोई भारी काम न करने पर भी दर्द हो
5️⃣ गर्भधारण में कठिनाई या बार-बार गर्भपात:
गर्भाशय में गांठ होने से गर्भ ठहरने में बाधा आ सकती है या बार-बार गर्भपात हो सकता है। यह संकेत महिलाओं के लिए सबसे गंभीर होते हैं और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
🧬 गर्भाशय में गांठ बनने के प्रमुख कारण:
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एस्ट्रोजन हार्मोन की असंतुलन
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आनुवांशिक कारण
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मोटापा और गलत जीवनशैली
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अत्यधिक तनाव
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गर्भनिरोधक गोलियों का अधिक प्रयोग
🩺 निदान और इलाज:
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अल्ट्रासाउंड और MRI से गांठ का आकार और स्थान पता लगाया जाता है।
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छोटी गांठों का इलाज दवाओं से संभव है।
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बड़ी या जटिल गांठों के लिए सर्जरी (Myomectomy या Hysterectomy) की जरूरत पड़ सकती है।
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लेजर या लेप्रोस्कोपिक तकनीक से भी उपचार संभव है।
🔚 निष्कर्ष:
महिलाओं को अपने शरीर के बदलावों को गंभीरता से लेना चाहिए। गर्भाशय की गांठ की पहचान जितनी जल्दी हो, इलाज उतना ही आसान और प्रभावी हो सकता है। यदि आपको ऊपर बताए गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण लंबे समय से महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें और जांच कराएं।
स्वस्थ जीवन के लिए सतर्कता सबसे बड़ी सुरक्षा है।