क्या आपके घर का WiFi आपकी संतान पैदा करने की क्षमता को चुपचाप नुकसान पहुंचा रहा है? वैज्ञानिकों की चेतावनी को जानिए
आज की डिजिटल दुनिया में WiFi और मोबाइल डिवाइस हमारी ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन चुके हैं। चाहे ऑफिस हो या घर, हर जगह हम 24×7 WiFi नेटवर्क से जुड़े रहते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह सुविधा आपकी फर्टिलिटी यानी संतानोत्पत्ति की क्षमता को नुकसान पहुंचा सकती है?
हाल ही में सामने आए शोध और विशेषज्ञों की राय के अनुसार, WiFi और मोबाइल रेडिएशन लंबे समय तक संपर्क में रहने पर पुरुषों और महिलाओं दोनों की फर्टिलिटी पर नकारात्मक असर डाल सकते हैं।
📡 WiFi रेडिएशन क्या है और यह कैसे काम करता है?
WiFi नेटवर्क रेडियोफ्रीक्वेंसी (RF) इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स के जरिए इंटरनेट सिग्नल ट्रांसमिट करता है। ये तरंगें हमारे आस-पास लगातार मौजूद रहती हैं, विशेषकर जब हम मोबाइल, लैपटॉप या स्मार्ट टीवी जैसे डिवाइस लगातार इस्तेमाल करते हैं।
🔬 WiFi से फर्टिलिटी पर कैसे असर पड़ता है?
👨⚕️ 1. स्पर्म काउंट और क्वालिटी पर असर:
कुछ शोधों में पाया गया है कि WiFi और मोबाइल रेडिएशन स्पर्म की गतिशीलता (motility) और जीवन क्षमता को कम कर सकते हैं। रेडिएशन से DNA डैमेज की संभावना भी होती है।
👩⚕️ 2. ओवरी और अंडाणु की गुणवत्ता पर असर:
महिलाओं में, लंबे समय तक RF रेडिएशन के संपर्क से ओवरी टिशू पर स्ट्रेस बढ़ सकता है और हॉर्मोनल असंतुलन भी हो सकता है, जो अंडाणु (egg) की क्वालिटी को प्रभावित करता है।
🧬 3. ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस में वृद्धि:
WiFi रेडिएशन से फ्री रेडिकल्स बढ़ जाते हैं, जिससे शरीर की कोशिकाओं पर असर पड़ता है और प्रजनन तंत्र कमजोर हो सकता है।
📊 वैज्ञानिकों की राय और शोध क्या कहते हैं?
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अर्जेंटीना, जापान और कोरिया में किए गए शोधों में पाया गया कि 4 घंटे से अधिक WiFi रेडिएशन के संपर्क में रहने वाले पुरुषों के स्पर्म की गतिशीलता में गिरावट देखी गई।
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एक रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि मोबाइल फोन को जेब में रखने से टेस्टिस के तापमान में वृद्धि होती है, जो स्पर्म हेल्थ को प्रभावित करती है।
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हालांकि, मानव शरीर पर WiFi के सीधे प्रभाव को लेकर अभी भी अध्ययन जारी हैं, लेकिन सावधानी बरतना जरूरी है।
⚠️ किन लोगों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए?
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गर्भधारण की कोशिश कर रहे दंपति
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आईवीएफ या फर्टिलिटी ट्रीटमेंट से गुजर रहे लोग
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गर्भवती महिलाएं
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12 साल से कम उम्र के बच्चे
✅ WiFi से बचाव के कुछ उपाय:
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WiFi राउटर बेडरूम में न रखें।
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रात में WiFi को बंद कर दें या “Airplane Mode” ऑन करें।
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मोबाइल फोन को शरीर से दूर रखें, खासकर लैप में या जेब में न रखें।
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लैंडलाइन फोन का उपयोग बढ़ाएं।
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लैपटॉप को सीधा शरीर से संपर्क में न रखें, लैपटॉप स्टैंड का प्रयोग करें।
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रोजाना कम से कम 1 घंटे डिजिटल डिटॉक्स जरूर करें।
📝 निष्कर्ष:
WiFi और मोबाइल रेडिएशन हमारे जीवन का हिस्सा बन चुके हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम उनके खतरों को नज़रअंदाज़ करें। यदि आप फैमिली प्लानिंग कर रहे हैं या प्रजनन स्वास्थ्य को लेकर गंभीर हैं, तो इन तकनीकी सुविधाओं के सुरक्षित इस्तेमाल के तरीके अपनाना जरूरी है। सावधानी ही बचाव है, और फर्टिलिटी जैसे संवेदनशील विषय में तो यह और भी जरूरी हो जाता है।