आज के समय में महिलाएं हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं — चाहे वो हॉस्पिटल हो, कॉल सेंटर, सिक्योरिटी या टेक्नोलॉजी सेक्टर। लेकिन नाइट शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं की सेहत पर एक नई रिसर्च ने चिंता बढ़ा दी है।
एक हालिया अध्ययन के मुताबिक, जो महिलाएं नियमित रूप से नाइट शिफ्ट में काम करती हैं, उनमें अस्थमा (Asthma) का खतरा अन्य की तुलना में अधिक होता है।
इस ब्लॉग में जानिए — क्या है इसका कारण, क्या कहती है रिसर्च, लक्षण, और कैसे बचाव संभव है।
🧪 क्या कहती है नई स्टडी?
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यह अध्ययन ब्रिटेन की “UK Biobank Study” पर आधारित है, जिसमें 2.8 लाख से अधिक महिलाओं को शामिल किया गया था।
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अध्ययन में पाया गया कि जो महिलाएं लगातार नाइट शिफ्ट करती हैं, उनमें अस्थमा के मामले सामान्य कामकाजी महिलाओं की तुलना में 36% तक ज्यादा पाए गए।
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विशेष रूप से मध्यम आयु वर्ग (30–50 वर्ष) की महिलाओं पर यह प्रभाव अधिक था।
🌙 नाइट शिफ्ट और शरीर का बायोलॉजिकल सिस्टम
हमारे शरीर में एक सर्केडियन रिदम (Circadian Rhythm) होता है — यानी शरीर की जैविक घड़ी।
नाइट शिफ्ट इस प्राकृतिक प्रणाली को बिगाड़ देती है, जिससे:
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हॉर्मोन असंतुलन होता है
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इम्यून सिस्टम कमजोर होता है
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सूजन (Inflammation) की प्रवृत्ति बढ़ जाती है
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और अंततः यह फेफड़ों और श्वसन प्रणाली पर असर डालता है
🫁 अस्थमा के मुख्य लक्षण:
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बार-बार खांसी आना, खासकर रात में
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सांस लेने में तकलीफ या सीटी जैसी आवाज़
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सीने में जकड़न या भारीपन
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थोड़ी मेहनत करने पर जल्दी थक जाना
यदि ये लक्षण नियमित रूप से नाइट शिफ्ट करने के बाद उभरने लगे हैं, तो इन्हें हल्के में न लें।
👩 महिलाओं में बढ़ा खतरा क्यों?
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हॉर्मोनल उतार-चढ़ाव: एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हॉर्मोन इम्यून रिस्पॉन्स को प्रभावित करते हैं
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नींद की कमी और तनाव: यह अस्थमा ट्रिगर को और बढ़ाता है
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पोषण की कमी: नाइट ड्यूटी के चलते संतुलित आहार नहीं हो पाता, जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है
🛡️ नाइट शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं के लिए बचाव के उपाय:
✅ नींद की गुणवत्ता सुधारें: दिन में कम से कम 7–8 घंटे की गहरी नींद लें, मोबाइल/लाइट से दूरी रखें
✅ संतुलित आहार लें: प्रोटीन, हरी सब्ज़ी, फल और ओमेगा-3 फैटी एसिड शामिल करें
✅ रेगुलर एक्सरसाइज करें: फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने के लिए योग और प्राणायाम करें
✅ रोज़ाना हाइड्रेशन बनाए रखें – पानी और हर्बल चाय पिएं
✅ धूम्रपान, धूल और केमिकल से बचें – ये अस्थमा को ट्रिगर कर सकते हैं
✅ वार्षिक फेफड़ों की जांच कराएं – विशेषकर यदि पहले से सांस की समस्या रही हो
📣 नियोक्ताओं और संस्थानों के लिए सुझाव:
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नाइट शिफ्ट की अवधि सीमित करें
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पर्याप्त रेस्ट पीरियड और हेल्थ चेकअप मुहैया कराएं
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महिलाकर्मियों को हेल्थ एजुकेशन दें
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स्वस्थ वातावरण और स्वच्छता बनाए रखें
🔚 निष्कर्ष:
नाइट शिफ्ट आज की ज़रूरत बन गई है, लेकिन इसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
विशेष रूप से महिलाओं के लिए, यह अस्थमा जैसी पुरानी बीमारी का कारण बन सकता है।
इसलिए यदि आप या आपकी कोई जान-पहचान की महिला नियमित नाइट शिफ्ट में है, तो समय रहते सावधान हो जाइए —
क्योंकि बचाव ही सबसे अच्छा इलाज है।