भारत ने वित्त वर्ष 2024-25 में कोयला आयात में 9% से अधिक की कटौती कर $6.93 बिलियन की विदेशी मुद्रा बचाई

भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 में कोयला आयात में 9% से अधिक की कटौती कर $6.93 बिलियन की विदेशी मुद्रा बचाई है। यह उपलब्धि घरेलू कोयला उत्पादन में वृद्धि और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में उठाए गए कदमों का परिणाम है।

कोयला आयात में कमी के प्रमुख कारण

  1. घरेलू उत्पादन में वृद्धि: सरकार ने कोयला खनन क्षेत्र में निवेश बढ़ाया, जिससे घरेलू उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।

  2. आयात प्रतिस्थापन नीति: ऊर्जा मंत्रालय ने आयात पर निर्भरता कम करने के लिए नीतिगत बदलाव किए।

  3. ऊर्जा दक्षता कार्यक्रम: उद्योगों में ऊर्जा दक्षता बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम शुरू किए गए, जिससे कोयले की खपत में कमी आई।

विदेशी मुद्रा बचत का महत्व

कोयला आयात में कमी से भारत ने $6.93 बिलियन की विदेशी मुद्रा बचाई है, जो देश के चालू खाता घाटे को कम करने में मदद करेगा। यह बचत आर्थिक स्थिरता और विकास के लिए महत्वपूर्ण है।

ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम

सरकार की यह पहल ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देकर न केवल आयात पर निर्भरता कम हुई है, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित हुए हैं।

आगे की राह

सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में कोयला आयात को और कम किया जाए और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का अधिकतम उपयोग किया जाए। इसके लिए नीतिगत सुधार, तकनीकी नवाचार और निवेश को बढ़ावा दिया जा रहा है।


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