🌧️ बरसात का मौसम: राहत भी, बीमारी भी!
बारिश जहां एक ओर गर्मी से राहत लाती है, वहीं दूसरी ओर कई बीमारियों को भी जन्म देती है। हवा में नमी, गंदा पानी, और मच्छरों की बढ़ती संख्या मानसून को बीमारियों का मौसम बना देते हैं। खासकर छोटे बच्चे, बुज़ुर्ग और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग इस मौसम में जल्दी बीमार हो सकते हैं।
यहाँ हम बात करेंगे 5 सबसे आम लेकिन खतरनाक मानसूनी बीमारियों की, उनके लक्षण, कारण और बचाव के उपायों की।
1. 🦟 डेंगू (Dengue)
📌 कारण:
Aedes मच्छर के काटने से होता है, जो दिन में ज्यादा सक्रिय होता है।
⚠️ लक्षण:
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तेज़ बुखार
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शरीर और जोड़ों में दर्द
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आँखों के पीछे दर्द
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स्किन रैशेज़
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प्लेटलेट्स की संख्या में गिरावट
✅ बचाव:
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पानी जमा न होने दें
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मच्छरदानी और रिपेलेंट का प्रयोग करें
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पूरी बांह के कपड़े पहनें
2. 🦟 मलेरिया (Malaria)
📌 कारण:
Anopheles मच्छर के काटने से फैलने वाला पैरासिटिक रोग।
⚠️ लक्षण:
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ठंड के साथ बुखार
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सिर दर्द
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पसीना आना
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उल्टी या मतली
✅ बचाव:
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मच्छर से बचाव जरूरी
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जलभराव की स्थिति न बनने दें
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समय पर दवा लें
3. 🤒 वायरल फीवर (Viral Fever)
📌 कारण:
वायरस से होने वाला संक्रमण जो मानसून में सामान्य है।
⚠️ लक्षण:
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हल्का से तेज़ बुखार
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गला खराब
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कमजोरी और थकान
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नाक बहना या बंद होना
✅ बचाव:
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बार-बार हाथ धोना
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बीमार व्यक्ति से दूरी
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पर्याप्त नींद और पानी पीना
4. 🍛 टायफॉइड (Typhoid)
📌 कारण:
Salmonella बैक्टीरिया से होने वाला रोग, जो दूषित पानी और भोजन से फैलता है।
⚠️ लक्षण:
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लगातार बुखार
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पेट दर्द
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भूख न लगना
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डायरिया या कब्ज़
✅ बचाव:
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उबला हुआ पानी पीएं
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बाहर का खाना अवॉइड करें
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हाथ धोकर खाना खाएं
5. 💦 जॉन्डिस / हेपेटाइटिस A (Jaundice)
📌 कारण:
गंदे पानी या दूषित भोजन से लिवर संक्रमण
⚠️ लक्षण:
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आंख और त्वचा पीली पड़ना
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भूख में कमी
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थकान
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हल्का बुखार
✅ बचाव:
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स्वच्छ पानी और ताजा खाना खाएं
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स्ट्रीट फूड से बचें
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लिवर का ध्यान रखें
🧠 अतिरिक्त सावधानियाँ मानसून में:
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घर और आसपास सफाई रखें
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नमी और फंगस से बचें
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इम्यूनिटी बढ़ाने वाले फूड्स जैसे तुलसी, हल्दी, अदरक का सेवन करें
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गीले कपड़ों में देर तक न रहें
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सर्दी-खांसी को हल्के में न लें
🔚 निष्कर्ष:
मानसून का मजा तभी है जब आप स्वस्थ रहें।
इन आम बीमारियों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। अगर बुखार 2–3 दिन से ज्यादा टिके, शरीर में कमजोरी हो या प्लेटलेट्स गिरें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
बचाव ही सबसे बड़ा इलाज है – सावधानी बरतें और मानसून को सुरक्षित बनाएं।