भारत में मिर्गी (Epilepsy) को लेकर आज भी कई भ्रांतियां और गलतफहमियां फैली हुई हैं।
अक्सर लोग जब किसी व्यक्ति को दौरा (Seizure) पड़ते देखते हैं तो घबराकर उसके मुंह में चम्मच डाल देते हैं या पानी पिलाने लगते हैं — जो कि बिल्कुल गलत और खतरनाक हो सकता है।
आइए जानें कि दौरे के समय पानी क्यों नहीं देना चाहिए, और इस दौरान क्या करना सुरक्षित और जरूरी होता है।
🚫 दौरे के समय पानी क्यों नहीं देना चाहिए?
⚠️ 1. गले में पानी फंसने का खतरा
जब व्यक्ति को दौरा पड़ता है, तब उसकी गले की मांसपेशियां नियंत्रित नहीं रहतीं, जिससे पानी फेफड़ों में जा सकता है और श्वास नली में रुकावट या सांस रुकने का खतरा होता है।
⚠️ 2. रोगी हो सकता है बेहोश
दौरे के समय रोगी संपूर्ण रूप से होश में नहीं होता, और ऐसे में पानी पिलाना उसे गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
⚠️ 3. aspiration pneumonia का खतरा
गलत तरीके से दिया गया पानी फेफड़ों में चला जाए तो Aspiration Pneumonia जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जो जानलेवा है।
✅ दौरे के समय क्या करना चाहिए?
✔️ 1. रोगी को एक तरफ करवट से लिटाएं
इससे लार या उल्टी बाहर निकल सकेगी और दम घुटने से बचाव होगा।
✔️ 2. आसपास की चीजें हटा दें
ताकि सिर, हाथ या शरीर को चोट न लगे।
✔️ 3. सिर के नीचे कुछ नरम रखें
जैसे तकिया या रूमाल — ताकि सिर ज़मीन से न टकराए।
✔️ 4. मुंह में कुछ न डालें
चम्मच, उंगली, नींबू आदि देना घातक हो सकता है।
✔️ 5. दौरा रुकने के बाद ही पानी दें
जब रोगी पूरी तरह होश में आ जाए, तब उसे थोड़ी मात्रा में पानी दिया जा सकता है।
🧠 मिर्गी के लक्षण क्या होते हैं?
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अचानक बेहोशी या चेतना का खो जाना
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शरीर में झटके या कंपकंपी
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आंखें ऊपर की ओर घूमना
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मुंह से झाग या लार आना
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कुछ देर के लिए पूरी मूवमेंट का रुक जाना
🏥 डॉक्टर को कब बुलाना चाहिए?
स्थिति | क्या करें |
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दौरा 5 मिनट से अधिक चले | तुरंत अस्पताल ले जाएं |
रोगी को लगातार दो दौरे पड़ें | मेडिकल इमरजेंसी है |
दौरे के बाद सांस नहीं आ रही | CPR या प्राथमिक चिकित्सा दें |
पहली बार दौरा पड़ा हो | न्यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करें |
🧘 मिर्गी रोगी के लिए क्या ज़रूरी है?
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नियमित दवा लेना (डॉक्टर की सलाह अनुसार)
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नींद पूरी लेना
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तनाव से बचना
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एल्कोहल और झिलमिलाती लाइट्स से दूर रहना
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नियमित चेकअप कराना
📌 निष्कर्ष:
मिर्गी के दौरे के समय पानी पिलाना या मुंह में कुछ डालना खतरनाक हो सकता है।
इस स्थिति में घबराने की बजाय ठंडे दिमाग से प्राथमिक उपचार करें और रोगी को सुरक्षित रखें।
सही जानकारी और समझ ही किसी की जान बचा सकती है।
👉 “सच जानें, भ्रम से बचें — मिर्गी के प्रति संवेदनशीलता और समझदारी ज़रूरी है।”